Indore News: एक साल में एक क्लिक पर एक करोड़ से ज्यादा अपराधियों की कुंडली तैयार
Indore News: नेशनल आटोमैटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम को आज मिलेगा केंद्रीय स्तर पर ‘गोल्ड श्रेणी का पुरस्कार’।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Fri, 25 Aug 2023 08:00:03 AM (IST)
Updated Date: Fri, 25 Aug 2023 08:09:35 AM (IST)
एनएएफआइएस के इस सिस्टम से अपराधियों की फिंगर प्रिंट से उसकी अपराधिक कुंडली एक क्लिक पर सामने आ जाती है। Indore News: उदय प्रताप सिंह, इंदौर। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा एक साल पहले तैयार किए नेशनल आटोमैटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (एनएएफआइएस) में देशभर के करीब करोड़ से अधिक अपराधियों को डाटा एक क्लिक पर उपलब्ध हो गया है। इस सिस्टम के तहत इस रिकार्ड में दर्ज किसी भी अपराधी का फिंगर प्रिंट अथवा बायोमैट्रिक पहचान से उसकी आपराधिक कृत्यों की कुंडली निकाली जा सकती है।
एनएएफआइएस के आने के बाद एक साल में तीन हजार से अधिक अनसुलझी वारदातों को
पुलिस हल कर चुकी है। इस तकनीक व इसकी मदद अपराधियों की पहचान व नियंत्रण पर हुई कार्रवाई के सफल परिणामों के कारण ही इंदौर में हो रही 26वीं राष्ट्रीय
ई-गवर्नेंस कान्फ्रेंस में राष्ट्रीय
अपराध रिकार्ड ब्यूरो द्वारा तैयार किए गए ‘एनएएफआइएस’ को शुक्रवार केंद्र स्तर प्रतिष्ठानों में ‘गोल्ड कैटगरी’ में एकमात्र अवार्ड और 10 लाख रुपये की राशि मिलेगी। यह आयोजन में सर्वोच्च स्तर का यह पुरस्कार पाने वाला एकमात्र सिस्टम है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार में पांच श्रेणियों में 48 अधिकारी व संस्थाओं को भी आज यह पुरस्कार मिलेगा।
एनएएफआइएस के तहत अभी जिला मुख्यालयों पर यह साफ्टवेयर उपलब्ध है, जिसके माध्यम से किसी भी अपराधी के फिंगर प्रिंट लेकर उसकी पहचान की जाती है। जल्द ही सभी थानों और यहां तक की पुलिस अधिकारियों को मोबाइल एप के माध्यम से अपराधियों को पहचान करने की सुविधा मिल सकेगी। एनएएफआइएस का एक माेबाइल एप जल्द तैयार किया जा रहा जो उपलब्ध होगा। इसमें मोबाइल के सेंसर पर एक अंगुली रखते ही अपराधी की कुंडली सामने आ जाएगी।
एनएएफआइएस सिस्टम काे राष्ट्रीय ई-गर्वनेंस कान्फ्रेंस में केंद्रीय स्तर पर गोल्ड श्रेणी में मिलने वाले पुरस्कार को राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के धनंजय जाधव व शिवाजी त्रिपाठी लेंगे। -नईदुनिया
दो माह में सीबीआइ और एनआइए का डाटा भी इस नेटवर्क में
वर्तमान में पुलिस व उसके समक्ष सुरक्षा एजेंसियों के पास दर्ज अपराधियों का डाटा एनएएफआइएस में है। अब सीबीआइ और एनआइए को भी इसका एक्सेस दिया गया है। ऐसे में इन एजेंसियों के पास पास दर्ज अपराधियों का डाटा भी इस सिस्टम में आ जाएगा। ऐसे में वांछित व कुख्यात अपराधियों की भी एनएएफआइएस के माध्यम से पहचान करने में आसानी होगी।
प्रदेश के एक लाख 56 हजार 934 अपराधी नेटवर्क में
एनएएफआइएस में 31 मई 2023 तक दर्ज रिकार्ड के मुताबिक, मप्र के 1 लाख 56 हजार 934 अपराधियों का रिकार्ड दर्ज है। इस नेटवर्क पर अपराधियों का सबसे ज्यादा डाटा अपलोड करने में मप्र के साथ तमिलनाडु, दिल्ली राज्य अव्वल है।
यह है एनएएफआइएस सिस्टम
पुलिस द्वारा अपराध में गिरफ्तार किए व्यक्ति का एक 10 अंकों का विशिष्ट राष्ट्रीय फिंगरप्रिंट नंबर (एनएफएन) बनाया जाता है। इसमें अपराधी के फोटो, फिंगरप्रिंट, को दर्ज किया जाता है। अपराधी पर दर्ज विभिन्न अपराधों की एफआइआर को एक ही एनएफएन से जोड़ा जाता है। इस सिस्टम को सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स) डाटाबेस में शामिल किया जाता है। ऐसे में अपराधी के देश में कही भी पकड़े जाने पर उसके फिंगर प्रिंट या बायोमेट्रिक से एक क्लिक में उसका रिकार्ड सामने आ जाता है।