Indore News: एमवाय अस्पताल में पीने के पानी के लिए परेशान हो रहे लोग
Indore News: इससे गरीब मरीजों को न केवल अतिरिक्त पैसा खर्च करना पड़ रहा बल्कि एमवाय अस्पताल प्रबंधन के कार्यों पर भी प्रश्न उठ रहे।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Thu, 22 Jun 2023 01:08:30 PM (IST)
Updated Date: Thu, 22 Jun 2023 01:08:30 PM (IST)
Indore News: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। भीषण गर्मी में एमवाय हॉस्पिटल में भी जलसंकट ने पैर पसार लिए हैं। यहां आने वाले मरीज और उनके परिजनों को पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। मजबूरी में उन्हें पैकिंग के पानी की महंगी बोतले खरीदना पड़ रही हैं। इससे गरीब मरीजों को न केवल अतिरिक्त पैसा खर्च करना पड़ रहा बल्कि एमवाय अस्पताल प्रबंधन के कार्यों पर भी प्रश्न उठ रहे हैं।
जानकारी अनुसार, एमवाय अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी हॉस्पिटल है। सरकार इसके रखरखाव, दवाइयों और अन्य कार्यों के लिए करोड़ों रुपये लोकधन हर महीने खर्च करती है। इसके पीछे एक ही मकसद है कि लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें, लेकिन इसके बाद भी कभी कर्मचारियों के व्यवहार के कारण तो कभी अन्य किसी कारण यहां आने वाले गरीब तबके के लोगों को परेशान होना पड़ता है। ताजा मामले पर गौर करें तो कई दिनों से सूर्य भगवान भीषण आग बरसा रहे हैं।
गर्मी से हर व्यक्ति परेशान है। ऐसे में उसे ठंडक देने और गला तर करने के लिए सिर्फ और सिर्फ पानी की ही जरूरत होती है। ऐसे में जो मरीज अपने परिजन के साथ एमवाय अस्पताल आया हो और उसे वहां लगे आरो प्लांट और अन्य माध्यमों से पीने का पानी ही नहीं मिले तो उस पर क्या बितती है यह तो वहीं बता सकता है। पीने का पानी नहीं मिलना तब और गंभीर मामला बन जाता है जब मरीज गरीब तबके का हो। ऐसे में उसे प्यास बुझाने के लिए पानी की महंगी बोतले खरीदना पड़ रही हैं। इस ओर एमवाय हॉस्पिटल के किसी भी जिम्मेदार का ध्यान नहीं है।
हर रोज आते हैं सैकड़ों मरीज और परिजन
एमवाय हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों के आंकड़ों पर गौर करें तो सामने आता है कि यहां रोज सैकड़ों की संख्या में मरीज अपना उपचार करवाने आते हैं। सैकड़ों मरीजों के साथ की उनके परिजन भी होते हैं। न सिर्फ इंदौर शहर बल्कि आस-पास के कई जिलों से भी बड़ी संख्या में लोग यहां उपचार करवाने आते हैं। ऐसे में उन्हें पीने का पानी ही नहीं मिलने से हमारे शहर की उनके मन में क्या छवि बनती होगी यह चिंता का विषय है।