इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जिले में लगातार हो रही बारिश ने उखड़ रही फसलों को राहत दी है। जिले में दो लाख 14 हजार 370 हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल बोई गई है। बारिश के बाद अब फसलों की स्थिति का जायजा लेने के लिए राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारी खेतों का भ्रमण करेंगे। इन अधिकारियों को संयुक्त रूप से विकासखंड के कम से कम 25-25 खेतों का भ्रमण कर रिपोर्ट तैयार करनी होगी।
जिले में बारिश से फसलों को होने वाले फायदे और नुकसान की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने एक दिन पहले रेसिडेंसी कोठी में फसलों की स्थिति को लेकर बैठक की थी। इसमें कलेक्टर इलैया राजा टी और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में फसलों की वर्तमान स्थिति का निरीक्षण करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए।
कृषि अधिकारियों का कहना है कि जिले में जल्दी पकने वाली सोयाबीन की किस्म को बारिश से आंशिक रूप से नुकसान की आशंका है, जबकि देरी वाली किस्मों को फायदा होगा। ढाई लाख हेक्टेयर में खरीफ की फसलजिले में इस साल 2 लाख 51 हजार 478 हेक्टेयर में खरीफ की फसल बोई गई है। इसमें सबसे ज्यादा दो लाख 14 हजार 370 हेक्टेयर में सोयाबीन की बुआई हुई है। इसके साथ ही 12423 हेक्टेयर में मक्का, 1695 हेक्टयर में मूंग, 3398 हेक्टेयर में अरहर जैसी फसले भी बुआई गई है।
जिले के सांवरे विकासखंड में फसल क्षेत्र का रकबा 68 हजार हेक्टेयर है। इसमें से 31835 किसानों ने 61 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की बुआई की गई है। इसमें करीब 42 हजार हेक्टेयर में जल्दी या मध्यम अवधि वाली और 19 हजार हेक्टेयर में देरी से पकने वाली प्रजातियों की बुआई की गई है।