Indore News : इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए ' सोर्स अपार्च्युनिटी सर्वे" कराया जा रहा है। प्रारंभिक सर्वे में अभी तक यह सामने आया है कि शहर के प्रदूषण के बढ़ते असर के लिए उद्योग, सड़कों के वाहन व खेतों में जलाई जाने वाली पराली व अन्य खुले तौर पर जलाए जाने वाला कचरा जिम्मेदार है। यही वजह है कि नगर निगम व मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा अब इस पर रोक लगाने की कवायद की जाएगी। इसके लिए निगम ने सभी उद्योगों, ट्रांसपोर्टर के साथ चर्चा की है।
गौरतलब है कि देश के एक लाख की आबादी से अधिक के 132 शहरों में इस तरह का सर्वे किया जा रहा है। प्रदेश में इंदौर के अलावा भोपाल, ग्वालियर व जबलपुर में यह सर्वे हो रहा है। इंदौर में पिछले छह माह में डब्ल्यूआरआइ संस्था ने विज्ञानियों के साथ एसजीएसआइटीएस के छात्रों के साथ मिलकर यह सर्वे किया है। अभी प्रारंभिक सर्वे में टीमें शहरी घनी आबादी क्षेत्र और वाहनों की आवाजाही वाले इलाके व ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंची हैं। टीम ने वाहनों के ईंधन की खपत, रख-रखाव व संचालन अवधि की जानकारी ली है। टीम सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में भी पहुंची और यहां की 25 से 30 वायु प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों का सर्वे किया गया। इस सर्वे के आधार पर अंतरिम रिपोर्ट तैयार की गई है। अगले माह से टीम गुणवत्ता परीक्षण के लिए सर्वे शुरू करेगी।
सर्वे का फायदा : वायु गुणवत्ता सुधरी तो ही मिलेंगे 51 करोड़ रुपये
केंद्र सरकार के 50वें वित्त आयोग से इंदौर शहर को मिलने वाली राशि के लिए इस बार इस सर्वे के मापदंड को पूरा करना निर्धारित किया गया है। पिछले तीन साल से 50वें वित्त आयोग के माध्यम से राशि मिल रही है। दो साल पहले इंदौर को 101 करोड़ रुपये मिले थे। उसके बाद 56 करोड़ रुपये पिछले वर्ष मिले। यदि इस सर्वे में वायु गुणवत्ता के स्तर में सुधार मिलेगा तो ही शहर को 51 करोड़ रुपये की राशि मिलेगी, अन्यथा इसमें कटौती हो सकती है।
इंदौर की वायु गुणवता को बेहतर करने के लिए होंगे बदलाव -
कंसल्टेंट से कर रहे चर्चा - इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव के अनुसार, शहर की वायु गुणवत्ता सुधार के लिए हम कंसल्टेंट, एडवाइजर व स्टेक होल्डर से चर्चा कर रहे हैं। वाहनों से निकलने वाले धुएं पर रोक लगाने के लिए हम आरटीओ को एक प्रस्ताव देंगे कि वो वाहनों का हेल्थ आडिट करे। उन्हें जारी किए जाने वाले प्रमाण पत्र के आधार पर वाहनों की गुणवत्ता निर्धारित की जानी है।