Indore Nagar Nigam: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर नगर निगम के कार्यक्रमों में होने वाले फिजूलखर्च पर रोक लगाने के लिए महापौर ने नीति निर्धारित कर दी है। अब एक करोड़ से पांच करोड़ तक के विकास कार्यों के लिए भूमिपूजन या लोकार्पण कार्यक्रम पर अधिकतम 35 हजार खर्च किए जा सकेंगे। इसी तरह पांच करोड़ से अधिक के विकास कार्य के लिए भूमिपूजन या लोकार्पण कार्यक्रम पर अधिकतम 50 हजार रुपये खर्च किए जा सकेंगे।
इस राशि में कार्यक्रम के लिए टेंट सामग्री, साउंड सिस्टम, लाइटिंग आदि खर्च शामिल रहेंगे। निगम द्वारा मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, प्रभारी मंत्री या शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुसार आयोजित कार्यक्रम में सिर्फ हितग्राहियों के लिए ही स्वल्पाहार या भोजन की व्यवस्था रहेगी। अन्य किसी कार्यक्रम या समारोह में निगम स्वल्पाहार या भोजन की व्यवस्था नहीं करेगा। सामाजिक संगठन या अन्य संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम, समारोह, रैली, प्रदर्शनी आदि में निगम अपनी तरफ से टेंट, टेंट सामग्री, साउंड आदि की व्यवस्था नहीं करेगा।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि नगर निगम द्वारा समय-समय पर भूमिपूजन, लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। सामाजिक संगठन और संस्थाओं की मांग पर भी कार्यक्रम होते हैं। इनमें निगम द्वारा टेंट सामग्री, साउंड सिस्टम, लाइट व्यवस्था आदि की जाती थी। इस पर मोटी रकम खर्च होती है। हाल ही में हुई महापौर परिषद की बैठक में इन कार्यक्रमों पर होने वाले खर्च पर लगाम लगाने के उद्देश्य से नीति निर्धारण का प्रस्ताव पारित हुआ था। अब लोकार्पण या भूमिपूजन कार्यक्रम पर किसी भी स्थिति में 50 हजार रुपये से अधिक खर्च नहीं होगा।
महापौर ने बताया कि नीति निर्धारित होने के बाद फिजूलखर्च पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। वर्तमान में कई बार शिकायत मिलती है कि कार्यक्रमों के नाम पर मनमानी रकम खर्च की गई है। अब खर्च की अधिकतम सीमा तय होने के बाद इस फिजूलखर्च पर रोक लगेगी। इसी तरह कार्यक्रमों में हितग्राहियों के अलावा अन्य लोगों के स्वल्पाहार और भोजन पर लाखों का खर्च होता था। नीति निर्धारित होने के बाद अब इस पर भी रोक लगाने में मदद मिलेगी।