नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(Indore News)। गांधी नगर से विजयनगर तक तक मेट्रो के रुट पर निर्माण कार्य के साथ रोड पर डिवाइडर निर्माण का कार्य भी पूर्णता पर है। ऐसे में अभी जिन स्थानों पर मेट्रो निर्माण के कारण बैरिकेड्स लगे हैं उन्हें जल्द हटाया जाएगा। इससे सड़क पर वाहनों की आवाजाही सुगम हो सकेगी।
मेट्रो रेल प्रबंधन के एमडी एस कृष्ण चैतन्य ने गुरुवार को निर्माण स्थलों पर से अनावश्यक बैरिकेड्स हटाने के निर्देश दिए। भविष्य में जरूरत होने पर ही बैरिकेड्स लगाने की बात कही।
गुरुवार को उन्होंने सुपर कॉरिडोर पर मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर के निर्माण कार्यों का अवलोकन किया और इस हिस्से में व्यावसायिक रन शुरू करने के लिए सभी कांट्रैक्टर को संचालन के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के निर्देश दिए। एमडी ने मेट्रो स्टेशन के आसपास के खाली स्थानों पर पौधारोपण करने तथा मल्टीमाडल कनेक्टिविटी से संबंधित संरचना विकास की संभावनाओं पर विचार करने के निर्देश दिए।
एमडी ने सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर पर गांधी नगर डिपो तथा गांधी नगर स्टेशन से सुपर कॉरिडोर-तीन तक के सभी पांच स्टेशनों के कान्कोर, प्लेटफार्म लेवल पर मौजूदा सुविधाओं व ट्रेन परिचालन के स्थान के निर्माण पहलुओं की जानकारी ली। इसके अलावा उन्होंने डिपो परिसर में ट्रेन संचालन से संबंधित विविध कक्षों में मशीनों के लगाए जाने तथा तकनीकी रूप से चल रही तैयारियों, उपकरण कक्ष, टिकट रूम, एस्केलेटर का जायजा लिया।
शहर की बदहाल सड़कों को लेकर हाई कोर्ट में सुनवाई चार सप्ताह बाद
इंदौर शहर की बदहाल सड़कों को लेकर हाई कोर्ट में चल रही जनहित याचिका में चार सप्ताह बाद सुनवाई होगी। याचिका पूर्व पार्षद महेश गर्ग ने दायर की है। कहा है कि पूरे शहर में सड़कें बदहाल हैं। सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे नजर आते हैं। यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क। सिर्फ इतना ही नहीं शहर में जलजमाव की भी विकराल समस्या है।
आधे से ज्यादा शहर में स्टार्म वाटर लाइन नहीं है। गड्ढों में जलजमाव की वजह से शहर में बीमारियां फैल रही हैं। इंदौर में डेंगू के मरीज लगातार मिल रहे हैं। नगर निगम और जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह जलजमाव और गड्ढों की समस्या से आमजन को राहत दिलवाए लेकिन वे कुछ कर ही नहीं रहे हैं। याचिका में याचिकाकर्ता ने बदहाल सड़कों के फोटोग्राफ भी प्रस्तुत किए हैं। याचिका में मांग की है कि नगर निगम और प्रशासन को निर्देश दिए जाएं ताकि आमजन को राहत मिले।