इंदौर। क्रिसेंट वाटर पार्क के कमरे में पति-पत्नी और दो बच्चों के शव मिलने के दूसरे दिन पुलिस की जांच जिस मोड़ पर जाकर रुकी, उससे सोशल मीडिया का एक और भयावह पक्ष सामने आया। जांच में पाया गया कि डीबी सिटी में रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर अभिषेक सक्सेना को ऑनलाइन ट्रेडिंग और सट्टे की लत थी। इससे उस पर लाखों रुपए का कर्ज हो चुका था। कुछ दिन पहले उसकी नौकरी भी चली गई थी। इससे वह लगातार परेशान रहने लगा था।
कर्ज के कारण उसके सभी क्रेडिट कार्ड और अकाउंट ब्लॉक हो गए थे। सट्टे की लत के कारण उसने अपनी पत्नी के अकाउंट से ट्रेडिंग शुरू कर दिया था और वे रुपए भी डूब गए। कर्ज इतना अधिक बढ़ गया था कि उसे लगने लगा था कि वह इसे चुका नहीं पाएगा। 16 सितंबर को उसने केमिकल का डिब्बा मंगवाया था। पुलिस के अनुसार संभवत: इसे ही जहर के रूप में इस्तेमाल किया गया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार उसने चारों की कॉफी में जहर मिलाया।
उल्लेखनीय है कि निपानिया क्षेत्र स्थित डीबी सिटी में रहने वाले अभिषेक सक्सेना (45), उनकी पत्नी प्रीति सक्सेना (42), बेटे अद्वित (14) व बेटी अनन्या (14) ने क्रिसेंट वाटर पार्क में बुधवार रात को 'जहर' खाकर आत्महत्या की थी। उन्होंने एक दिन पहले ही कमरा किराए पर लिया था। गुरुवार दोपहर तक जब कमरे से कोई आवाज नहीं आई तो स्टाफ ने मास्टर-की से दरवाजा खोलकर देखा तो चारों मृत पड़े थे। तुरंत खुड़ैल पुलिस को सूचना दी। पास में एक केमिकल का डिब्बा और सोना-चांदी तौलने के लिए इस्तेमाल होने वाला छोटा तराजू भी मिला था।
परिजन से मांगे थे 50 हजार
पुलिस के अनुसार परिजन से पूछताछ में पता चला कि अभिषेक ने परिजन से भी 50 हजार रुपए मांगे थे। जांच में पता चला कि अभिषेक पर लाखों का कर्ज है। उसके सभी डेबिट और क्रेडिट कार्ड सहित अकाउंट की जांच की जा रही है।
17 साल पहले हुई थी लव मैरिज
अभिषेक सक्सेना दिल्ली और प्रीति विज पंजाब की रहने वाली थी। दोनों की 17 साल पहले 17 फरवरी 2002 को शादी हुई थी। दोनों की दोस्ती दिल्ली में हुई और बाद में दोनों ने लव मैरिज कर ली। चार साल पहले ही जॉब के लिए अभिषेक अपनी पत्नी, बच्चे और मां को लेकर इंदौर आया था। यहां पर परिवार फ्लैट में किराए से रहता था। पति और पत्नी दोनों ही बिल्डिंग में किसी से मेलजोल नहीं रखते थे।
एफएसएल टीम ने की जांच
पुलिस की एफएसएल टीम ने भी मौके पर पहुंच कर जांच की। पुलिस को पता चला कि अभिषेक डीएक्ससी कंपनी में आईटी इंजीनियर था और परिवार के साथ घूमने का कहकर घर से निकला था। अभिषेक के परिवार में अब केवल 82 वर्ष की बुजुर्ग मां अकेली रह गई है। उसके सभी सभी रिश्तेदार दिल्ली में लोधी रोड पर वसंत विहार में रहते हैं। घटना के बाद उन्हें फोन कर बुलाया गया। शुक्रवार सुबह सभी जिला अस्पताल पहुंचे। पोस्टमार्टम के बाद शव उन्हें सौंप दिया गया। सभी दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
लैपटॉप, टैबलेट और मोबाइल जब्त
सीएसपी धर्मेंद्र मीणा ने बताया कि पुलिस ने एक लैपटॉप, एक टैबलेट और तीन मोबाइल जब्त किए हैं। गैजेट्स में पासवर्ड डला है। तीन तकनीकी विशेषज्ञ इसे खोलने में लगे हैं। हो सकता है कि इसमें और भी कई जानकारियां मिल जाएं। जीमेल अकाउंट व अन्य सोशल मीडिया अकाउंट की जांच कर रहे हैं।
फेसबुक अकाउंट भी कर दिए थे बंद
सॉफ्टवेयर इंजीनियर होने की वजह से अभिषेक ने यह अनुमान लगा लिया था कि घटना के तुरंत बाद ही सभी सोशल साइट सर्च करेंगे। इसलिए उसने पत्नी-बच्चों सहित खुद के अकाउंट भी डिलीट कर दिए थे। यहां तक कि जो नंबर उसने डीबी सिटी के गार्ड व अन्य लोगों को दिया है, उसमें से भी फोटो हटा दिए थे।
सोसायटी में नहीं थी किसी से बातचीत
पुलिस ने जब डीबी सिटी स्थित मल्टी में पूछताछ की तो कई लोगों ने बताया कि दोनों घर से बाहर ही नहीं निकलते थे। उनकी मां ही सोसायटी के लोगों से मेलजोल रखती थी। दोनों घर पर रहकर कम्प्यूटर पर अपना काम करते थे। पत्नी भी अपना ज्यादा समय कम्प्यूटर पर बिताती थी। कई पड़ोसियों को पता था कि फ्लैट नंबर 804 में एक परिवार रहता है, लेकिन मां के अलावा पति-पत्नी को चेहरे से नहीं पहचानते थे।
दिल्ली में होगा अंतिम संस्कार
परिजन की सहमति से पति-पत्नी और बच्चों के शव का दिल्ली में अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया गया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद परिजन को शव सौंप दिए। इंदौर में उनके रिश्तेदार भी नहीं थे, ऐसे में बार-बार इंदौर आना भी मुश्किल था। कल सुबह तक शव दिल्ली पहुंच जाएंगे। उनकी मां व अन्य परिजन को भी पूछताछ के बाद पुलिस ने रवाना कर दिया। अभिषेक डीएक्सटी नामक जिस कंपनी में नौकरी करता था, वहां के लोगों से भी पुलिस पूछताछ कर सकती है।