Indore Crime News: इंदौर।नईदुनिया प्रतिनिधि। निजी कालेज के स्टोर मैनेजर की आत्महत्या में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस ने सेक्सटार्शन गैंग के चार सदस्यों को कामा (भरतपुर) से गिरफ्तार किया है। इस गिरोह द्वारा मैनेजर का न्यूड वीडियो बना लिया गया था। आरोपित मैनेजर को ब्लैकमेल कर रुपयों की मांग कर रहे थे। गिरोह के पास रुपये निकालने के लिए खुद का एटीएम है।
पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने गुरुवार को बताया कि यह पूरी गैंग देशभर में कई लोगों को अपना शिकार बना चुकी है। पकड़े गए आरोपितों में रईस उर्फ कमली पिता अलीशेर निवासी मुड़िया, जीशान उर्फ बिल्ला पिता मेहजर निवासी भूतका, यासिब पिता अहमद निवासी बनेनी और हारून पिता संपत खान निवासी मुड़िया है। यह सभी राजस्थान के जिला भरतपुर के हैं। आरोपितों ने बताया कि वह फर्जी सिमकार्ड के जरिये इंटरनेट मीडिया पर महिलाओं के फेक आइडी बनाकर शिकार ढूंढते थे।
एडिशनल डीसीपी (अपराध) गुरुप्रसाद पाराशर के मुताबिक पिछले महीने राजेंद्र नगर के एक बड़े कालेज से स्टोर मैनेजर ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी। अमृत पैलेस (निपानिया)निवासी 59 वर्षीय मैनेजर कालेज परिसर में ही स्टाफ क्वार्टर में रहते थे।
इंदौर पुलिस ने सेक्सटार्शन गैंग के चार सदस्यों को कामा (भरतपुर) से गिरफ्तार किया है। इस गिरोह द्वारा मैनेजर का न्यूड वीडियो बना लिया गया था। https://t.co/RiUo3hwhPc#Indore #Crime #IndoreNews #MadhyaPradesh #Naidunia pic.twitter.com/c66JZXDtLo— NaiDunia (@Nai_Dunia) November 3, 2022
पुलिस ने जब उनके मोबाइल की जांच की तो सुमन (जयपुर) के नाम से नंबर सेव मिला जिससे उनकी वीडियो चैटिंग चल रही थी। सुमन ने मैनेजर का न्यूड अवस्था में वीडियो बना लिया था। वह वीडियो जारी करने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर रही थी।
पुलिस ने उस नंबर का कस्टमर एप्लिकेशन फार्म (कैफ) मांगा तो कुमारी वंदना (सीतापुर) के नाम से मिला। टीम सीतापुर पहुंची तो पता चला इस नाम से कोई महिला नहीं है और सिम एक दिन पहले ही जारी हुई है। कैफ पर लिखा अल्टरनेट नंबर भी किसी महिला के नाम से था जो फर्जी निकला।
मामले में क्राइम ब्रांच से सहायता ली और आइपी एड्रेस के आधार पर छानबीन शुरू हुई। पुलिस को अंतिम लोकेशन भरतपुर के कामा की मिली। सोमवार को टीम कामा पहुंची और रईस को हिरासत में लिया।उसने चार साथियों के नाम बताए।
पुलिस ने भरतपुर पुलिस की मदद से चार लोगों को हिरासत में ले लिया। इस गिरोह द्वारा कई लोगों को ब्लैकमेल किया गया है। बताते हैं रुपये निकालने के लिए खुद का एटीएम है। भरतपुर में लगभग सभी राज्यों की पुलिस इनकी तलाश में आती रहती है।
फेसबुक पर दोस्ती कर वाट्सएप पर वीडियो काल करते हैं ठग
आरोपित संगठित रुपये से लोगों को ब्लैकमेल करते हैं। शुरुआत फेसबुक से होती है। दोस्ती कर वाट्सएप पर चेटिंग करते हैं। उनकी प्रोफाइल महिलाओं के नाम से होती है। व्यक्ति आसानी से झांसे में आ जाता है। वह उनके दिए निर्देशों के अनुसार चलता है। चैटिंग करते-करते व्यक्ति निर्वस्त्र अवस्था में चला जाता है। आरोपित स्क्रीन रिकार्ड कर ब्लैकमेल करना शुरू कर देता है। जांच अफसरों के मुताबिक गिरोह में फर्जी पुलिस अफसर भी होते हैं जो शिकायत का डर बता कर रुपये मांगते हैं।