Indore Court : 11 वर्ष जेल में रहा पति, अब साबित हुआ कि उसने नहीं की थी पत्नी की हत्या
Indore Court :हेमराज ने जिला न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए एडवोकेट मनीष यादव के माध्यम से हाई कोर्ट में अपील दायर की।
By Hemant Kumar Upadhyay
Edited By: Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Fri, 03 Mar 2023 08:13:59 PM (IST)
Updated Date: Fri, 03 Mar 2023 08:13:59 PM (IST)
Indore Court : इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। दहेज के लिए पत्नी की हत्या के आरोप में पति पिछले 11 वर्ष से जेल में था। जिला न्यायालय ने दोषी मान भी लिया था जबकि उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं था। पति ने जिला न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में गुहार लगाई। अब जाकर तय हुआ कि जिला न्यायालय ने सबूतों का विश्लेषण करने में चूक की थी। हाई कोर्ट ने पति को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए।
मामला आगर निवासी हेमराज माली का है। 26 फरवरी 2012 को उसने पुलिस को सूचना दी कि उसकी पत्नी ऋतु ने आत्महत्या कर ली है।
पुलिस ने दहेज हत्या के आरोप में पति हेमराज उसके पिता सत्यनारायण, मां सीमाबाई को गिरफ्तार कर लिया। जिला न्यायालय ने लगभग ढाई वर्ष चली सुनवाई के बाद हेमराज को दहेज हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। शेष आरोपितों को कोर्ट ने बरी कर दिया था।
हेमराज ने जिला न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए एडवोकेट मनीष यादव के माध्यम से हाई कोर्ट में अपील दायर की। आरोपित की तरफ से तर्क रखे गए कि घटना का कोई प्रत्यक्ष साक्षी नही है।
घटना में कोई हथियार भी जब्त नहीं हुआ। न ही दहेज मांगने के संबंध में कोई तथ्य सामने आए हैं। मृतका के माता-पिता ने भी इस संबंध में कभी कोई शिकायत नहीं की थी।
यह तर्क भी रखा गया कि पति 11 वर्षों से जेल में है और उसने जेल में रहते हुए डबल ग्रेजुएशन किया है। हाई कोर्ट की युगलपीठ ने तर्कों से सहमत होते हुए माना कि जिला न्यायालय का फैसला निरस्त किए जाने योग्य है।