Indore Bawadi Accident: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। बेलेश्वर महादेव मंदिर बावड़ी हादसे को लेकर हाई कोर्ट में चल रही जनहित याचिकाओं में बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने नगर निगम और पुलिस की कार्रवाई को लेकर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि मजिस्ट्रियल जांच 11 जुलाई 2023 को सबमिट हो चुकी थी। अब तक क्या कार्रवाई की गई।
नगर निगम द्वारा की गई कार्रवाई पर आपत्ति लेते हुए कोर्ट ने
पुलिस से पूछा कि वह बताए कि मामले में जिनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की है, उनकी गिरफ्तारी कर अभी तक पूछताछ क्यों नहीं की गई। कोर्ट ने
बावड़ी बंद करने पर भी नाराजगी जताई और कहा कि क्या सड़क पर दुर्घटना होने पर सड़क बंद कर दोगे।
क्या हाईराइज बिल्डिंग से किसी के कूद जाने पर बिल्डिंग बनना बंद हो जाएगी। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया। याचिकाकर्ता महेश गर्ग और प्रमोद द्विवेदी की ओर से एडवोकेट मनीष यादव ने तर्क रखे।
यूं चली बहस
एडवोकेट यादव - यह जांच रिपोर्ट 11 जुलाई की है। शासन ने खुद करवाई है। अगर हाई कोर्ट नहीं बुलाती तो यह सामने नहीं आती। मुआवजा राशि यदि दोषियों से नहीं दिलवाएंगे तो मतलब नहीं होगा। बीते माह हाई कोर्ट ने बुलाई तो यह रिपोर्ट सामने आई है।
हाई कोर्ट - इसमें कार्रवाई कब होगी?
शासकीय अधिवक्ता - निगम ने पत्राचार कर जानकारी बुलाई है।
हाई कोर्ट -आप तो रिपोर्ट 11 जुलाई से रखे हुए हैं, एफआइआर में कोई कार्रवाई हुई?
शासकीय अधिवक्ता - एफआइआर में पुलिस जांच चल रही है।
हाई कोर्ट - क्या जांच चल रही है। मजिस्ट्रियल जांच पूरी हो गई और पुलिस की चल ही रही है।
शासकीय अधिवक्ता - जांच में जो दोषी पाए गए हैं, वे तत्कालीन अधिकारी नामजद नहीं हैं तो यह पता करना है कि बावड़ी ढंकी कब गई। वह स्टेटमेंट में नहीं आया है। पुलिस अपने स्तर पर पत्राचार कर रही है, कौन से साल में बावड़ी ढंकी गई है।
हाई कोर्ट - यह कैसे पता चलेगा जब तक उन्हें आरोपित बनाकर पूछताछ नहीं करेंगे। आप तो आरोपित भी नहीं बना रहे हैं।
एडवोकेट यादव - अभी तक रिकार्ड भी नहीं बुलाया है।
हाई कोर्ट - किसी को गिरफ्तार कर पूछताछ नहीं करेंगे तो फिर पता कैसे चलेगा आपको।
शासकीय अधिवक्ता- पुलिस जांच कर रही है।
हाई कोर्ट - आपकी खुद की जांच क्या कह रही है। क्या मजिस्ट्रियल जांच पर निर्भर रहेंगे आप। ऐसे तो 10 साल आपकी जांच चलती रहेगी। आपने ट्रस्ट से पूछा बुलाकर कि कब बनी थी। घटना तो सब को पता है। आपने किसी विशेषज्ञ को बुलाया क्या।
शासकीय अधिवक्ता- इसमें विशेषज्ञ से भी जांच हुई है। पत्र लिख रहे हैं।
हाई कोर्ट - क्या पत्र लिखकर पुलिस कार्रवाई करती है। इतने दिन तक साक्ष्य वहां रहते हैं, वह भी खत्म हो जाएगा।
शासकीय अधिवक्ता - सर वह अगले दिन बावड़ी भर दी गई।
हाई कोर्ट - तो आपने वह भी भर दी। साक्ष्य ही खत्म कर दिए जिससे पता चले कि कब का स्लैब था। ऐसे तो क्या सड़क पर घटना हो जाएगी तो सड़क बंद कर देंगे या सावधानी बरतेंगे।
एडवोकेट यादव - पूरे शहर की बावड़ियां बंद कर दी गई, जो प्राचीन प्राकृतिक जलस्रोत थे।
हाई कोर्ट - बावड़ी बंद करना क्या रास्ता है। पूरे शहर की क्यों बंद कर दी।
शासकीय अधिवक्ता - सर दबाव ज्यादा था, इसलिए किया।
एडवोकेट यादव - सभी प्राकृतिक जल स्रोत थे, लेकिन इन्हें बंद कर दिया गया कब्जे भी हो गए। इन्हें पूरी तरह पैक कर दिया गया।