IIT Indore: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) इंदौर लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) को तकनीकी संबंधित सहायता देगा। एमएसएमई में आ रही परेशानियों को दूर करने और उद्योगों के साथ स्टार्टअप को जोड़ने और अन्य तरह की मदद भी संस्थान करेगा। इसे लेकर आइआइटी इंदौर और एमएसएमई क्षेत्र के अधिकारियों के बीच चर्चा हुई। शुक्रवार को इस कोशिश को आगे बढ़ाने के लिए आइआइटी इंदौर के दृष्टि सीपीएस फाउंडेशन द्वारा एमएसएमई में डिजिटल परिवर्तन विषय पर चर्चा की गई। इसका मकसद डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने और एमएसएमई उद्योगों में तकनीकी संबंधित परेशानियों को दूर करना है।
चर्चा बैठक में इंदौर, पीथमपुर और देवास के विभिन्न उद्योगों के अधिकारी और आइआइटी इंदौर के साथ ही आइआइटी बांबे, आइआइटी जम्मू, आइआइटी कानपुर सहित कई क्षेत्रों के 12 प्रोफेसर और विशेषज्ञ शामिल थे। आइआइटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास जोशी ने बताया कि एमएसएमई में डिजिटल परिवर्तन को संचालित करने के लिए उद्योग और शिक्षाविदों के बीच यह महत्वपूर्ण बैठक थी। आइआइटी इंदौर अपनी ओर से सभी तरह की मदद उद्योगों को देगा।
प्रो. जोशी ने बताया कि आइआइटी इंदौर का दृष्टि सीपीएस फाउंडेशन इसी मकसद से कार्य कर रहा है कि हम विभिन्न क्षेत्रों को गति देने में सहयोग करना चाहते हैं। इससे देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचेगा। अब बिना डिजिटाइजेशन के उद्योगों को आगे बढ़ना मुश्किल है। ऐसे में हमारे संस्थान के प्रोफेसर और अन्य आइआइटी के प्रोफेसर मिलकर ऐसे साधन उद्योगों को उपलब्ध कराने पर जोर देंगे, जिनसे आने वाले वर्षों में प्रदेश के उद्योग बेहतर स्थिति में आ जाए।
कमिंस टर्बो टेक्नोलाजी लिमिटेड के धरमवीर सोलंकी और आइआइटी इंदौर के प्रोफेसर भूपेश कुमार लाड ने कहा कि इससे उद्योगों को तो लाभ पहुंचेगा, साथ ही आइआइटी भी कई तरह के नए प्रयोग कर सकेगा। भविष्य में उद्योग और आइआइटी अगर मिलकर किसी उपकरण या किसी तकनीक को विकसित करना चाहेंगे तो इसे करना आसान हो जाएगा। चर्चा बैठक यूके अंतरराष्ट्रीय सहयोग रायल एकेडमी आफ इंजीनियरिंग ने आयोजित की।