Hanuman Jayanti 2021 Indore: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। चाहे शहर का सैकड़ाें वर्ष पुराना वीर बगीची का आंगन हो या सबसे विशाल मूर्ति के रूप में विराजित पितरेश्वर धाम, शहर के सबसे व्यस्ततम मार्ग राजबाड़े के समीप विराजित श्रीराम भक्त हनुमानजी का मंदिर हो या मधुमिलन चौराहा सि्थत माता अंजनी की गोेद में विराजित बाल हनुमान का मंदिर इस बार सभी भक्तों के बीना सूने नजर आए।
मंगलवार को मारुतिनंदन के जन्म पर उत्सव तो मनाया गया लेकिन भक्तों के बिना। पंडितों, महंतों व प्रबंधकों ने ही रामभक्त की आरती व सेवा की तथा जो भक्त किसी तरह मंदिर पहुंच गए उन्होंने बाहर से ही आराध्य के जन्मोत्सव पर जयघोष किया।
कोरोना संक्रमण के चलते इस बार मंदिर भक्तों के बिना सूने जरूर रहे लेकिन प्रभु की कांकड़ आरती से लेकर शयन आरती तक बालाजी की विशेष पूजा भी की गई व उनका आकर्षक श्रृंगार भी किया गया। भक्त जरूर भगवान से दूर रहे लेकिन भक्तों तक भगवान के सुंदर स्वरूप का दर्शन कराने के लिए मंदिर प्रबंधकों ने तकनीक से हाथ मिलाया और जो भक्त मंदिर तक नहीं आ सके उन्हें इंटरनेट मीडिया के जरिए महावीर के दर्शन कराए गए। मंदिर चाहे कोई भी हो व भक्त चाहे कहीं भी हो सभी ने महावीर से महामारी रूपी संकट के नाश की कामना की।
कंचन वर्ण का स्वर्ण श्रृंगार
राजवाड़ा स्थित श्रीराम भक्त हनुमान मंदिर में कांकड़ आरती के पहले मंदिर में आने वाले मार्ग को कनात से बंद कर दिया गया बावजूद आरती की आवाज सुन भक्त वहां पहुंच गए व बाहर से ही आरती में शामिल हो गए। इस मंदिर में कंचन वर्ण रामभक्त हनुमानजी का स्वर्ण आभूषणों से श्रृंगार किया गया था।
इसी तरह करीब 400 वर्ष पुराने वीर बगीची में विराजित हनुमानजी की मूर्ति का भी सोने के बर्क और सोने के आभूषणों से श्रृंगार किया गया था। हनुमानजी को सोने की हंसली, कंठा व सोने का मुकुट पहनाया गया था। शाम को यहां महाभोग लगाकर महाआरती की गई। इस अवसर पर भी महंत पवनानंद ब्राह्मचारी, अन्य पंडित व प्रबंध समिति के चंद सदस्य ही शामिल थे। यहां दर्शन भक्तों को वीर बगीची के फेसबुक पेज के जरिए कराए गए।
मंदिर के बाहर भक्तों ने लगाए दीप
मंगलवार को जहां रणजीत हनुमान मंदिर में दिनभर भक्तों का तांता लगा रहता है उस मंदिर में हनुमान जयंती पर भी शांति पसरी रही। सुबह-सुबह कुछ भक्त मंदिर पहुंचे जरूर लेकिन उन्हें भीतर प्रवेश नहीं दिया गया। भक्तों ने बाहर से ही प्रभु को नमन किया। मंदिर के मुख्य पुजारी दिपेश व्यास ने बताया कि सुबह हुई जन्मोत्सव आरती में कुछ भक्त दीपक लेकर आए थे । उन्होंने मंदिर के बाहर से ही दीप जलाए। परंपरानुसार यहां सोमवार की रात को ही बाबा का अभिषेक कर श्रृंगार कर दिया गया था व मंगलवार की रात दुबारा अभिषेक कर श्रंगार किया गया। दिन में हुए श्रृंगार में हनुमानजी के कंधे पर श्रीराम-लक्ष्मण को बैठा हुआ दर्शाया।
बुधवार की सुबह यहां कांकड़ आरती की जाएगी। यह आरती 108 दीपों से होती है ।वर्ष में केवल एक बार हनुमान जयंती के दूसरे दिन ही की जाती है। समाजवाद नगर सि्थत बडे रणजीत हनुमान मंदिर में भी बालाजी का आकर्षक श्रृंगार किया गया। यहां विशेष पूजा व हवन किया गया।
कोरोना समाप्ति के लिए किया बजरंग बाण पाठ
हंसदास मठ स्थित पंचमुखी हनुमानजी का विशेष श्रृंगार तो किया ही गया साथ ही यहां कोरोना संक्रमण के नाश के लिए बजरंग बाण पाठ का जाप भी किया गया। मठ के पं. पवनदास शर्मा ने बताया कि यह मंदिर में हनुमानजी की मूर्ति संत हंसदास ने करीब सन 17 सौ में स्थापित की थी। पंचमुखी हनुमानजी की मूर्ति के पेट पर शनि भगवान बने हुए हैं । हनुमानजी के 10 हाथ हैं। हनुमान जयंती पर यहां हर साल विशाल भंडारा होता है लेकिन इस बार यह नहीं हुआ। इस बार संक्रमण से मुकि्त के लिए बजरंग बाण का पाठ किया गया। चूंकि मंदिर बंद था इसलिए कुछ भक्त शिखर दर्शन करके ही लौट गए।