By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Tue, 21 Mar 2023 01:29:04 PM (IST)
Updated Date: Tue, 21 Mar 2023 01:29:04 PM (IST)
Digital Indore: गजेन्द्र विश्वकर्मा. इंदौर। शहर तकनीकी के क्षेत्र में भी अब भारत के नक्शे पर उभरने लगा है। यहां के युवा इंटरनेट दुनिया में धूम मचा रहे हैं। डिजिटल इंडिया का सपना साकार करने के लिए वे कई ऐसे प्रयास कर रहे हैं जिससे देश को तो गति मिल रही है साथ ही समाज को भी फायदा मिल रहा है। किसी युवा तकनीकी जानकार ने प्रदेश के किसी गांव को पहली बार वाईफाई करने का काम किया है तो कोई भारत सरकार के अधिकारियों को सायबर सुरक्षा का प्रशिक्षण दे रहे हैं और सरकारी वेबसाइट की सुरक्षा पर निगाह रख रहे हैं। इंदौर पुलिस को कई पेचिदा सायबर अपराधों में भी यह युवा मदद कर रहे हैं।
जिस समय में शहर में सायबर अपराध के मामलों के विशेषज्ञ बहुत कम हुआ करते थे उस समय शहर के सायबर विशेषज्ञ शंशाक चोरे सक्रिय रहे हैं। इंदौर पुलिस को भी वे कई मामलों में पेचिदा सायबर अपराधों को साल्व करने में मदद कर चुके हैं। शशांक इस समय डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में सेवाएं दे रहे हैं।पलासिया क्षेत्र में कुछ लोगों से शुरू हुई उनकी टीम अब 200 से पार हो चुकी है।
शशांक का कहना है कि इंटरनेट की दुनिया बहुत विस्तृत हो चुकी है। इंटरनेट पर जो कुछ भी हमें दिखाई दे रहा है उससे ज्यादा उसके पीछे छुपा हुआ है। गंभीर सायबर अपराध हो रहे हैं। ऐसे में जरूरी हो चुका है कि हर व्यक्ति को सायबर सुरक्षा की जानकारी रखना चाहिए। इंटरनेट की दुनिया में जब भी कुछ ऐसा दिखाई देता है जिससे किसी को नुकसान पहुंच सकता है तो हम इस तरह की गतिविधियों को रोकने का प्रयास करते हैं।
डिजिटल इंडिया के तहत गांव को किया वाईफाई -
सायबर विशेषज्ञ शकील अंजुम इस समय देशभर के शहरों और गांवों में जाकर सायबर अपराध को रोकने के लिए प्रयास कर रहे हैं। वे लोगों के बीच जाते हैं और उन्हें बताते हैं कि मोबाइल पर किस तरह की बातों का ध्यान रखना है जिससे सायबर अपराध से बचा जा सकता है। शकील अंजुम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया के तहत मध्य प्रदेश के कुछ गांवों को सबसे पहले वाईफाई करने में सहयोग दिया था। इसमें राजगढ़ जिले के खिलचीपुर ब्लाक के बावड़ीखेड़ा पंचायत में आने वाले शिवनाथपुरा गांव को वाईफाई किया गया था।
इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उन्हें उनकी सराहना कर चुके हैं। शकील का कहना है कि भारत में हर दिन सायबर अपराध हो रहे हैं और इससे लाखों रुपये रोजाना अपराधियों के पास जा रहे हैं। जिस तरह से इंटरनेट का उपयोग बढ़ा हैं उससे जरूरी हो गया है कि भारत के हर व्यक्ति को पता होना चाहिए कि वे मोबाइल और इंटरनेट का उपयोग किस तरह से करें।
शहर के स्टार्टअप की परेशानी दूर करने में मदद कर रहे रविमोहन -
वेब डेवलपर रविमोहन मिश्रा अभी मात्र 25 वर्ष के है और वे अब तक 300 से ज्यादा स्टार्टअप को उनकी सेवाएं आनलाइन करने में मदद कर चुके हैं। रविमोहन का कहना है कि इंजीनियरिंग करने के दौरान ही तय कर लिया था कि खुद का स्टार्टअप शुरू करना है, जिससे की दूसरों को रोजगार दे सके और जिन स्टार्टअप के पास तकनीकी सेवाओं के लिए बजट नहीं है उन्हें मदद करना है। हमने शुरुआत में मात्र 500 रुपये से सेवा देना शुरू किया।
अब भी कई स्टार्टअप जिनका आइडिया अच्छा होता है, लेकिन उनके पास फंडिंग नहीं होने से बहुत कम बजट में अपने कार्य को कई साल तक चलाना पड़ता है। ऐसे स्टार्टअप पर हम भरोसा कर उनके लिए वेबसाइट, एप और साफ्टवेयर बनाने का काम करते हैं। रविमोहन का कहना है कि दोस्त अर्पित वैष्णव के साथ हम इंदौर के साथ ही कई शहरों के स्टार्टअप को सेवाएं दे रहे हैं। इंदौर विकास प्राधिकरण के लिए भी हमें काम करने का मौका मिला है।
वेबसाइट को हैकर्स से बचा रहे हैं -
शहर के सायबर विशेषज्ञ चातक वाजपेयी भारत सरकार के विभिन्न अधिकारियों को सायबर सिक्यूरिटी का प्रशिक्षण दे रहे हैं। वे भारत सरकार के साथ ही देश-विदेश की कई कंपनियों के वेबसाइट की सिक्यूरिटी आडिट भी कर रहे हैं, ताकि सायबर हैकर्स से वेबसाइट के डेटा को सुरक्षित रखा जा सके। चातक का कहना है कि आज भी भारत की कई वेबसाइट असुरक्षित है। इनकी सुरक्षा में कोई सेंध न लगा सके, इसके लिए हम वेबसाइट की सुरक्षा को कई पैमानों पर जांचते हैं।
इंदौर पुलिस को भी जब भी किसी सायबर अपराध के मामले में पड़ताल करने की जरूरत पड़ती है हम उनकी मदद करते हैं। चातक का कहना है कि अब पूरी दुनिया आनलाइन हो गई है। ऐसे में अगर किसी देश में सायबर अटैक होता है तो इसका असर इकोनामी पर भी पड़ता है। ऐसा न हो इसके लिए हमारी कोशिश जारी है।
विभिन्न तकनीकी टूल्स सीखाकर गति प्रदान कर रहे मयंक -
शहर के डिजिटल मीडिया के विशेषज्ञ मयंक बत्रा विभिन्न कंपनियों के अधिकारियों और कर्मचारियों को डिजिटल दुनिया से जुड़े टूल्स सीखाने का कार्य कर रहे हैं। स्टार्टअप या कंपनी किस तरह से इंटरनेट मीडिया पर अपनी मौजूदगी बढ़ाकर ज्यादा मुनाफा कमा सकती है इसे लेकर वे प्रशिक्षण दे रहे हैं। शहर के कई युवा जिनके पास प्रतिभा है, लेकिन आनलाइन दुनिया की समझ नहीं है उन्हें वे प्रशिक्षण देकर आगे बढ़ाने में मदद कर रहे हैं।