Indore News: विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थापित होने वाले उद्योगों को केपिटल इन्सेंटीव सब्सिडी का लाभ देने की मांग
Indore News: स्थापित एमएसएमई उद्योगों को एमएसएमई नीति 2021 के तहत निवेश राशि के 40 प्रतिशत की सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Fri, 02 Jun 2023 01:35:12 PM (IST)
Updated Date: Fri, 02 Jun 2023 01:35:11 PM (IST)
Indore News: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। एसोसिएशन आफ इंडस्ट्रीज मध्यप्रदेश ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थापित होने वाले उद्योगों को प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों के समान ही केपिटल इन्सेंटीव सब्सिडी का लाभ दिए जाने की मांग की है। एअईएमपी के अध्यक्ष योगेश मेहता ने बताया कि हमारे प्रदेश में स्थापित एमएसएमई उद्योगों को एमएसएमई नीति 2021 के तहत निवेश राशि के 40 प्रतिशत की सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। परंतु इस सब्सिडी का लाभ विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) में स्थापित छोटे उद्योगों को नही मिल रहा है, जबकि उनका भी प्रदेश के औद्योगिक विकास एवं राजस्व प्रदान करने में उतना ही योगदान है जितना अन्य ओद्योगिक क्षेत्र में स्थापित उद्योगों का है।
एसोसिएशन ने पत्र के माध्यम में मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया गया है कि एसईजेड के स्थापित उद्योगों को प्रदेश की उद्योग नीति के एनेक्शर 1 के बिन्दू क्रमांक 23 की अपात्र सूची में डाला गया है, जो एसईजेड में स्थापित उद्योगों के साथ सरासर अन्याय है। आश्चर्य भी है कि इन इकाईयों को अपात्र सूची में क्यों डाला गया है। एसोसिएशन ने इसे अपात्र सूची से हटाए जाने की भी मांग की है।
अध्यक्ष योगेश मेहता ने कहा कि एसईजेड में कार्यरत एमएसएमई उद्योग बड़े उद्योगों के एन्सीलरी के रूप में काम करते है और उनका प्रदेश के औद्योगिक विकास में उतना है योगदान होता है, रोजगार प्रदाता है इसके अलावा निर्यातक भी है, लेकिन शासकीय सब्सिडी / इन्सेंटीव के लिए अपात्र है। पूर्व में एसईजेड की इकाईयों को केन्द्र सरकार द्वारा आयकर छूट का लाभ दिया जाता था जिसें केन्द्र सरकार ने बंद कर दिया है इसके साथ ही वर्तमान में केन्द्र व राज्य सरकार की तरफ से कोई भी सब्सिडी अथवा इन्सेंटीव एसईजेड की इकाईयों को नही दिये जा रहे है जबकि वे भी शासकीय सब्सिडी / इंन्सेटीव के उतने ही हकदार है जिसने अन्य औद्योगिक क्षेत्रों की इकाईया है।