DAVV Indore: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से पढ़ाई पूरी करने के बावजूद विद्यार्थियों को परेशानी कम नहीं हुई है। अब डिग्री और ट्रांसक्रिप्ट हासिल करने के लिए इन्हें परेशान होना पड़ रहा है, क्योंकि हफ्तों बीतने के बाद भी छात्र-छात्राओं को दस्तावेज नहीं मिले है। कारण यह है कि विश्वविद्यालय में पीले लिफाफे को लेकर संकट खड़ा हो गया है।
लिफाफों की कमी के चलते विश्वविद्यालय ने डिग्री और ट्रांसक्रिप्ट काफी समय लगा रहा है। सिर्फ उन्हीं विद्यार्थियों को दस्तावेज दिए जा रहे है, जिन्होंने फार्म पर एर्जेंट बताकर उसकी वजह दर्शाई है। वैसे लिफाफों का स्टाक अगले कुछ दिन में खत्म हो जाएगा। मगर आचार संहिता के कारण विश्वविद्यालय टेंडर निकाल नहीं सकता है। हालांकि पुराने वेंडर का तीन लाख का भुगतान नहीं होने से लिफाफों की सप्लाय बंद कर दी है।
डिग्री, ट्रांसक्रिप्ट, माइग्रेशन भेजने के लिए विश्वविद्यालय विशेष लिफाफे का इस्तेमाल करता है। इससे विद्यार्थियों के दस्तावेज को सुरक्षित पहुंचाया जाता है। कई महीनों से वेंडर को भुगतान नहीं हुआ। उसमें लिफाफे सप्लाय करना बंद कर दिया है। दो महीने से यह स्थिति बनी है। इन दिनों सिर्फ जरूरी कार्यों के लिए लिफाफे का उपयोग किया जा रहा है।
डिग्री-ट्रांसक्रिप्ट उन्हें वितरित किए जा रहे है, जिन्होंने आवेदन में सरकारी नौकरी और विदेशी की विश्वविद्यालय व कंपनी के लिए चयनित होना बताया है। इसके आधार पर निर्धारित तारीख तक दस्तावेज तैयार कर भिजवाए जा रहे है। विभागों ने लिफाफों के बारे में कुलपति को स्थिति से अवगत कर दिया है। मगर जिम्मेदार इस तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहे है। पुराने वेंडर ने भी लिफाफे सप्लाय करने से माना कर दिया है।
अब कुछ दिन का स्टाक बचा है। विधानसभा चुनाव की वजह से आचार संहिता होने से विश्वविद्यालय महीनेभर तक खरीद नहीं सकता है। विश्वविद्यालय की लापरवाही का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ेगा, क्योंकि उन्हें डिग्री और ट्रांसक्रिप्ट का थोड़ा इंतजार करना होगा। प्रभारी रजिस्ट्रार अजय वर्मा ने कहा कि लिफाफों की व्यवस्था जल्द ही करेंगे। मतदान के बाद इन्हें खरीदने की प्रक्रिया की जाएगी।