DAVV Indore:इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। खेलने से रोकने की बात पर नाराज देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के विधि अध्ययनशाला के विद्यार्थी का विरोध तेज हो गया। सप्ताहभर से छात्र-छात्राएं विभागाध्यक्ष डा. अर्चना रांका को हटाने की मांग कर रहे थे, मगर कुलपति डा. रेणु जैन ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसे लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के क्षेत्रीय संगठन मंत्री तेजस सुकाडिया ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ट्वीट कर दिया, जिसमें कुलपति को हटाने की बात लिखी।
इसके बाद एबीवीपी की तरफ से छात्रनेताओं ने धड़ाधड़ ट्वीट करना शुरू कर दिया। कुछ छात्रनेताओं ने उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव को भी ट्वीट किया है। मामला बढ़ता देख विश्वविद्यालय प्रशासन ने दबाव में आनन-फानन में विभागाध्यक्ष को छुट्टी पर भेज दिया और विभाग की जिम्मेदारी डा. विजय बाबू गुप्ता को सौंप दी। हालांकि, विश्वविद्यालय ने पूरे मामले की जांच पांच सदस्य समिति को दी। अध्यक्ष लोकपाल व पूर्व न्यायाधीश नरेंद्र सत्संगी को बनाया है।
3-4 मार्च को विधि अध्ययनशाला में वार्षिक खेल गतिविधि चल रही थी। इस दौरान विभागाध्यक्ष डा. रांका ने विद्यार्थियों को खेल बंद करने के लिए कहा। इसके बाद छात्र-छात्राएं प्रदर्शन करने लगे। कुलपति डा. रेणु जैन समझाने पहुंची। तीन दिन के भीतर फैसला लेने की बात कहीं। मगर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। विद्यार्थियों को गुस्सा फुट गया और बुधवार को 65 शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर कर दी। इसके बाद भी कुलपति ने विद्यार्थियों के विरोध को दरकिनार कर दिया। शनिवार को विद्यार्थियों ने विधि अध्ययनशाला के सामने धरना दिया। फिर तक्षशिला परिसर में रैली निकाली। इस बीच विभागाध्यक्ष को हटाने के साथ ही विद्यार्थियों ने कुलपति के इस्तीफे की मांग कर दी। दोपहर में एबीवीपी के वरिष्ठ छात्रनेताओं ने मामले में हस्तक्षेप कर मुख्यमंत्री से कुलपति को हटाने का ट्वीट कर दिया।
एबीवीपी की तरफ से लगातार ट्वीट होने लगे। इस बीच विद्यार्थियों ने सोमवार से होने वाले फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा का बहिष्कार करने की बात कहीं। सूचना लगते ही कुलपति ने विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ प्रोफेसरों की बैठक बुलाई। सभी की सहमति के बाद डा. अर्चना रांका को छुट्टी पर भेज दिया। डा. विजय बाबू गुप्ता को विधि अध्ययनशाला का प्रभारी बनाया और उनके नेतृत्व में परीक्षा करवाने के निर्देश दिए।
विद्यार्थियों की नाराजगी तब और बढ़ गई जब एक आडियो वायरल हुआ। उसमें आवाज विभागाध्यक्ष की बताई गई। आडियो में विद्यार्थियों को पांच साल का कोर्स छह साल में पूरा करवाने की बात कही। विद्यार्थियों को दो-दो अंक के लिए तरसाने की बात भी कही गई है। विवाद बढ़ने से विश्वविद्यालय प्रशासन घबरा गया और बैठक में मामले की जांच पांच सदस्यीय समिति को दे दी। लोकपाल व पूर्व न्यायाधीश सत्संगी के अलावा डा. संगीता जैन, डा. एके त्रिपाठी, डा. विजय बाबू गुप्ता, उच्च शिक्षा विभाग की अतिरिक्त संचालक डा. किरण सलूजा को रखा है। तीन दिन के भीतर समिति को जांच रिपोर्ट सौंपना है।
विभागाध्यक्ष और विद्यार्थियों के बीच विवाद पर कुलपति ने सात दिन में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। तीन साल में कुलपति ने विवि ने नियुक्तियां नहीं की। शिक्षकों की पद्दोन्नति की प्रक्रिया रोक रखी। विश्वविद्यालय की मूलभूत सुविधाएं बढ़ाने पर कोई ध्यान नहीं। साथ ही परीक्षा और रिजल्ट की व्यवस्था बिगड़ चुकी है। वहीं छात्रों की कोई समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। यही वजह है कि वे अपना इस्तीफा दे दें।
- धनश्याम चौहान, प्रांत मंत्री, एबीवीपी
विवाद को लेकर कोई बाहर से हवा देने में लगा है। वैसे इतनी बड़ी बात नहीं है कि सात दिन तक विद्यार्थियों को प्रदर्शन करने की जरूरत पड़े। वैसे विद्यार्थियों की नाराजगी को देखते हुए विश्वविद्यालय ने जांच समिति बना दी। वहीं विभागाध्यक्ष भी छुट्टी पर चली गई हैं। हालांकि, विद्यार्थियों से हर स्तर पर जाकर बातचीत की है। मगर उनकी हर मांग मानना संभव नहीं है।
- डा. रेणु जैन, कुलपति, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय