DAVV Indore : इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में स्नातक प्रथम वर्ष और स्नातकोत्तर की सेमेस्टर की परीक्षाओं में नकल करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। महज दो महीनों के भीतर आंकड़ा 725 के पार पहुंच गया है। नकलचियों ने कोई नया तरीका नहीं अपनाया है। किताबों और गाइड के पन्ने फाड़कर चिट तैयार की गई हैं। उत्तरपुस्तिकाओं के बीच चिट रखकर नकल करते अधिकांश विद्यार्थियों को शिक्षकों ने पकड़ा है। अधिकारियों के मुताबिक बीए-बीकाम की परीक्षा में सबसे अधिक नकल प्रकरण बने हैं। इनकी सुनवाई अक्टूबर में समिति करेगी।
एमए, एमकाम, एमएससी, एमबीए, एलएलबी, बीएएलएलबी, बीएससीएलएलबी की विभिन्न सेमेस्टर और बीए, बीकाम व बीएससी फर्स्ट ईयर की परीक्षाएं जून से शुरू हुई हैं। इनमें करीब 80 हजार विद्यार्थी शामिल हुए हैं। इनके लिए देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने दस उड़नदस्ते बनाए हैं। लगभग 725 से अधिक नकलची पकड़े गए हैं। छात्रों ने रोलनंबर के पीछे भी प्रश्नों के जवाब लिखे थे, जबकि छात्राओं ने किताबों के पन्ने फाटकर चिट बनाई थी। अधिकारियों के मुताबिक 30 प्रतिशत विद्यार्थियों की तलाशी करने के दौरान नकल सामग्री पकड़ में आई है। कुछ निजी कालेजों में भी विद्यार्थियों को नकल करवाने में मदद करते पाया गया है। विद्यार्थियों से पूछताछ में यह सामने आया है। उड़नदस्ते ने इन बातों का उल्लेख अपनी रिपोर्ट में भी किया है। बाद में केंद्र पर पर्यवेक्षकों को अधिक सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
अक्टूबर में होगी जांच - परीक्षा नियंत्रक डा. अशेष तिवारी ने कहा कि कोरोनाकाल के बाद आफलाइन परीक्षा करवाई गई है, जिसमें नकल प्रकरण काफी संख्या में बन रहे हैं। आमतौर पर पहले सालभर में 250-300 नकलची पकड़ाते थे। मगर जून-जुलाई की परीक्षा 725 प्रकरण बन गए हैं। बीए-बीकाम जैसी परीक्षाओं में सबसे ज्यादा नकलची छात्र मिले हैं। जून-जुलाई में करवाई गई परीक्षा में अभी तक 725 प्रकरण बने हैं। इन प्रकरणों की जांच नकल समिति अक्टूबर में शुरू करेगी। गोपनीय विभाग की उपकुलसचिव रचना ठाकुर का कहना है कि विद्यार्थियों से जब्त नकल सामग्री की जांच समिति करेगी। यह काम अक्टूबर से शुरू किया जाएगा। महीनेभर में रिपोर्ट आएगी, जिसे कार्यपरिषद में रखा जाएगा।
दो से तीन पेपर निरस्त - जनवरी से जुलाई के बीच चार दर्जन से अधिक पाठ्यक्रमों की परीक्षा हुई। लगभग 1235 प्रकरण बने थे, जिसमें 715 नकलची विद्यार्थियों की समिति ने सुनवाई कर ली है। 200 विद्यार्थियों के दो से तीन पेपर निरस्त किए हैं, जबकि 500 विद्यार्थियों का एक-एक पेपर रद किया गया है। शेष 519 प्रकरण का निराकरण होना बाकी है। नकल समिति इन प्रकरणों की जांच में लगी है। सितंबर में रिपोर्ट सौंप सकती है।