By sameer.deshpande@naidunia.com
Edited By: sameer.deshpande@naidunia.com
Publish Date: Tue, 15 Dec 2020 06:55:48 PM (IST)
Updated Date: Tue, 15 Dec 2020 07:07:34 PM (IST)
Hello Naidunia Indore इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जिस तरह तिजोरी में ताला होता है और उसकी चाबी हम बहुत संभालकर रखते हैं कि कहीं किसी गलत हाथों में न पड़े। उसी तरह डेबिट या क्रेडिट कार्ड की चाबी उसका 'ओटीपी' है। अपना ओटीपी किसी भी अनजान व्यक्ति को और खासकर फोन पर तो बिल्कुल भी नहीं देना चाहिए। छोटी सी सुरक्षा आपको ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचा सकती है। यह बात मंगलवार को 'हेलो नईदुनिया' कार्यक्रम में साइबर सेल एसपी जितेन्द्र सिंह ने फोन पर दीप गुप्ता को दी।
उन्होंने बताया कि कोई भी बैंक खाते की जानकारी के लिए फोन नहीं करता है। यदि ऐसे फोन आते हैं तो वह आपके साथ ठगी करना चहता है। फोन पर कभी भी किसी को क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या मैसेज में प्राप्त ओटीपी की जानकारी न दें। साइबर सेल की मांग पर अब तो ओटीपी वाले मैसेज भी हिंदी में आने लगे हैं, जिस पर स्पष्ट शब्दों में लिखा होता है कि ओटीपी अनजान को नहीं बताना है। यदि लगता है कि वह फोन पर आपसे निजी जानकारी मांग रहा है तो तुरंत साइबर सेल में इसकी शिकायत करें।
प्रधानमंत्री लोन के लिए आवेदन किया था ठगे गए
आयोजन के दौरान जितेन्द्र चौहान ने फोन पर एसपी को बताया कि वे प्रधानमंत्री स्टार्ट अप लोन लेना चाहते थे। उनके पास एक युवती का फोन आया और 2150 रुपये फाइल चार्ज के मांगे। इसके बाद लोन होने का कहकर 13500 रुपये जमा करा लिए। इसके बाद लोन देने से मना कर दिया। युवती का फोन अब भी आ रहा है। इसकी शिकायत क्राइम ब्रांच में की थी, जिसका शिकायत नंबर 1708 है। एसपी ने आश्वासन देते हुए कहा कि मामले में वे क्राइम ब्रांच से बात कर समस्या हल कराने का प्रयास करेंगे।
एयरड्रॉइड, क्विक सपोर्ट और एनीडेस्क डाउनलोड न करें
कॉलर सुनील जैन ने बताया कि उनके घर की महिलाओं को आए दिन बैंक अधिकारी बनकर फोन आते रहते हैं। इस प्रकार के फोन को कैसे कंट्रोल करें। इस पर एसपी ने कहा कि इस तरह के फोन आते रहेंगे, लेकिन सावधान रहना होगा और निजी जानकारी किसी भी रूप से शेयर नहीं करनी है। एयरड्रॉइड, क्विक सपोर्ट और एनीडेस्क जैसे एप डाउन करने के लिए कहा जाए तो बिल्कुल भी नहीं करें। ये तीनों एप मोबाइल को हेक कर लेते हैं और आपके फोन में मौजूद सभी जानकारी उनके पास पहुंच जाती है।
प्राइम कार्ड से निकल गए रुपये
मनोज सोलंकी ने बताया कि उनका प्राइम क्रेडिट कार्ड है। 28 नवंबर 2020 को उनके कार्ड से 8000 रुपये निकल गए। एसपी ने बताया कि वे इसकी शिकायत सबसे पहले अपने बैंक में करें। यदि रुपये निकलने की जानकारी का पता नहीं चलता है तो बैंक में जाकर डिस्प्यूट फार्म भरें, साथ ही फार्म के साथ में खाते की ट्रांजेक्शन की फोटो कॉपी लगाएं। उन्होंने कहा कि आरबीआई की गाइडलाइन है कि यदि किसी के रुपये इस प्रकार से निकलते हैं तो 72 घंटे में उनके रुपये वापस कर दिए जाएंगे।
राजस्थान से आते हैं फोन
सोनू राठौर ने बताया कि राजस्थान से बार-बार फोन आते हैं और खाते की जानकारी मांगते हैं। कई बार रुपये व कैश बैक देने की बात कर चुके हैं। उनकी भाषा भी राजस्थानी होती है। इस पर एसपी ने बताया कि ये लोग भरतपुर अलवर राजस्थान के हैं। अधिकतर यहीं के लोग ऑनलाइन ठगी करते हैं। साइबर सेल पुलिस लगातार ऐसे लोगों को पकड़ती है और उन पर कार्रवाई भी करती है।
गूगल पर मौजूद हैं बैंकों व अन्य संस्थानों की फर्जी वेबसाइट
साइबर एसपी ने लोगों को बताया कि वर्तमान में बैंक की वेबसाइट, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन व अन्य संस्थाओं की मदद के लिए लोग गूगल सर्च इंजन की मदद लेते हैं। कई फर्जी वेबसाइट असली की तरह दिखती है। लोग इनमें अपना मोबाइल नंबर व अन्य जानकारी डाल देते हैं। इसके बाद तुरंत ठगी करने वाले बैंक आदि के अधिकारी बताकर ठगोरे फोन करते हैं, उनके झांसे में आकर लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं।
बच्चों को सतर्क करना जरूरी
साइबर एसपी ने बताया कि वर्तमान में बच्चे गेम खेलने या अन्य वेबसाइट पर फिल्म देखने के लिए घर के सदस्यों का ही क्रेडिट कार्ड व डेबिट कार्ड का उपयोग करते हैं। स्वजन बच्चों पर शक भी नहीं करते और रुपये कटते जाते हैं। इस तरह के कई मामले साइबर सेल में हर हफ्ते आते हैं। कई बार बच्चे इसका उपयोग गलत वेबसाइट के उपयोग में भी कर रहे हैं।