उदय प्रताप सिंह. इंदौर। अफीम उत्पादन के लिए प्रसिद्ध प्रदेश के नीमच जिले में 150 करोड़ रुपए की लागत से सेमी रिफाइंड मार्फीन उत्पादन इकाई स्थापित होगी। मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम ने इसके लिए 18 हेक्टेयर जमीन सनलाइट एल्कोलाइड कंपनी को जिले की जावद तहसील में सौंपी है। यह देश में अपनी तरह का पहला ऐसा प्लांट होगा जिसमें जिसमें अफीम के पूरे फल का उपयोग किया जा सकेगा।
वर्तमान में अपशिष्ट निकालने के बाद बचे फल को कृषि उत्पाद की तरह जलाया जाता है। इसका खर्च सरकार को वहन करना होता है। फल को नष्ट करने के दौरान इसका चोरी-छुपे परिवहन भी होता है। कई राज्यों में इस फल का पाउडर नशे की तरह इस्तेमाल होता है।
अब नई प्रक्रिया से अफीम की गुणवत्ता और प्रति पौधा इसकी मात्रा में भी वृद्धि होगी। इसका लाभ क्षेत्र के दस हजार अफीम उत्पादक किसानों को भी मिलेगा।
केंद्र सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट की अनुमति प्राप्त होने के बाद इस पर काम शुरू किया जा रहा है। इसकी वार्षिक क्षमता 10 हजार मीट्रिक टन सालाना है। फैक्ट्री में 250 लोगों को प्रत्यक्ष और एक हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
सनलाइट एल्कोलाइड द्वारा लगाई जाने वाली फैक्ट्री में किसान से अफीम के पूरे फल को खरीदा जाएगा और उसकी प्रोसेसिंग कर सेमी रिफाइंड मारफीन निकाला जाएगा। इससे उत्पाद की गुणवत्ता और प्रत्येक पौधे से होने वाली उपज की मात्रा में वृद्धि होगी।
इस तरह नीमच व मंदसौर क्षेत्र के 10 हजार से अधिक किसानों को मुनाफा मिलेगा। इस प्रोजेक्ट को भारत सरकार के चीफ कंट्रोलर आफ फैक्ट्ररीज आपियम एंड अल्कालाइड, नई दिल्ली से स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इस फैक्ट्री के उत्पादन से मारफीन एंव संबंधि उत्पादों की बढ़ोतरी होगी और इस क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर बनेगां देश में मार्फीन की मांग की पूर्ति इस प्रोजेक्ट से हो सकेगी।
-एनेस्थिया में उपयोग हाेने वाली दवा निर्माण में
- आग से झुलसने वाले व्यक्ति के दर्द निवारक दवा के रुप में
-खांसी के सिरप के निर्माण में
फैक्ट्री लगने से उत्पादन बढ़ेगा, किसानों को देंगे पट्टे
नीमच में सनलाइट एल्कोलाइड कंपनी ने मार्फीन उत्पादन के लिए फैक्ट्री लगाने में रुचि दिखाई है। यह इस तरह की पहली पहली फैक्ट्री होगी। इसके शुरु होने से नीमच व मंदसौर में होने वाले अफीम उत्पादन को बढ़ाव मिलेगा और किसानों को उचित दाम भी मिलेगा। फैक्ट्री लगाने के साथ उस क्षेत्र में अफीम की पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों को पट्टे भी दिए जाएंगे।
राजेश राठौर, कार्यक्रारी निदेशक, मप्र औद्योगिक विकास निगम