इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बच्चों की भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उन्हें उचित आहार देना बहुत जरूरी है। छह महीने की उम्र तक के बच्चों को मां का दूध जरूर पिलाएं ताकि शिशु को आवश्यक पोषक तत्व मिलें और वह बीमारी से भी बचाता है। कोरोना ग्रस्त माता या शिशु दोनों ही स्थिति में डाक्टरी सलाह से स्तनपान जारी रखें।
आहार एवं पोषण विशेषज्ञ डाॅ. मुनिरा हुसैन के अनुसार छह महीने से बड़े बच्चो के लिए मां का दूध पर्याप्त नहीं होता इसलिए मां के दूध के अलावा विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ भी दें। छह महीने की उम्र के बच्चों को हर दिन कम से कम चार फूड ग्रुप से खाना देना चाहिए, जिसमें फल और सब्जियां, अनाज, दालें और मेवे, पशु और डेयरी उत्पाद और चावल जैसे मुख्य खाद्य पदार्थ शामिल हों। उन्हें हाइड्रेटेड रखने के लिए अधिक तरल पदार्थ की आवश्यकता होती है।
डा. मुनिरा हुसैन की राय है कि 6 से 8 महीने के बीच बच्चों को हर भोजन में आधा कप नरम भोजन दिन में दो से तीन बार खिलाएं। नरम दलिया में फल, सब्जियां, अंडे , दूध या दूध पाउडर, पका हुआ मांस डाल कर बनाए। 9 से 11 महीनों के बीच के बच्चे को हर भोजन में सेहतमंद खाना दें। 12 से 24 महीनों के बीच, बच्चे परिवार के खाद्य पदार्थों को खाना शुरू कर सकते हैं और अपनी प्लेट से खुद को खिला सकते हैं। उन्हें प्रत्येक भोजन में तीन चौथाई से एक कप भोजन के साथ दिन में तीन से चार बार खाने की आवश्यकता होती है। इससे अधिक उम्र के बच्चों को सेहतमंद नाश्ता दें व शुद्ध पानी पर्याप्त मात्रा में पिलाएं।
डा. मुनिरा हुसैन के मुताबिक नाश्ते में फलों या सब्जियों से बने स्नैक्स चुनें जो या तो नरम हो या आपके बच्चे की उम्र के लिए उपयुक्त टुकड़ों में कटे हों। केला, पका हुआ आम, खमण, गाठिये, मखाने, फिंगर्स, उबले चने, बिसि्कट अच्छे विकल्प हैं । अधिक मात्रा में चीनी, नमक, वसा और रसायन युक्त पेय बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। इससे दांतों को स्थायी नुकसान हो सकता है और स्वस्थ विकास अवरुद्ध हो सकता है इनसे बच्चो को दूर रखे।