इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि CM Rise Scheme। इंदौर सहित प्रदेशभर में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सीएम राइज योजना के तहत स्कूलाें का संविलियन करने की योजना बनाई जा रही है। शासन स्तर पर 90 हजार स्कूलों के स्थान पर नौ हजार 200 स्कूलों में तब्दील करने की तैयारी हैं। वर्तमान में इस योजना के प्रथम चरण में 350 स्कूलों को लिया गया है। इसमें इंदौर जिले के करीब सात स्कूल शामिल हैं। इस योजना के तहत सरकारी प्रायमरी व मिडिल स्कूलों को खत्म कर शासन पर पहली से कक्षा 12वी तक की शिक्षा के लिए बड़े और आधुनिक स्कूल बनाए जाएंगे।
इन स्कूलों में छात्रों को खेलकूद सुविधा, लैब व संगीत व प्रायवेट स्कूलों के स्तर जैसी सुविधा मिलेगी। 15 किलोमीटर के दायरे में एक सीएम राइज स्कूल बनाया जा रहा है जिसमें 15 किलोमीटर क्षेत्र के बच्चों को बसों से स्कूल तक आने की सुविधा दी जाएगी। शासन की इस योजना से सरकारी स्कूलों के शिक्षक नाराज है। उनका मानना है कि स्कूलों का संविलियन किए जाने से कई सरकारी स्कूलों के शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे। हाल ही में अध्यापक अधिकार संघ के पदाधिकारियों ने इस मुद्दे पर भोपाल में सीएम राइज योजना के संबध में प्रमुख रश्मि अरुण शमी और आयुक्त जयश्री कियावत से चर्चा की थी।
इस बैठक में 20 कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए थे अध्यापक अधिकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष भारत भार्गव के मुताबिक हमने इस बैठक में प्रमुख सचिव को बताया था कि इस योजना के लागू होने से सरकारी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों को नुकसान होगा। हमने उनसे जब पूछा कि इस योजना से जो शिक्षक प्रभावित होंगे। उनके लिए क्या योजना बनाई गई है। इस संबंध प्रमुख सचिव ने बताया कि अभी इस बारे में कोई योजना बनाई नहीं गई है। ऐसे में इस योजना के लागू होने से कई शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं और उनके भविष्य पर संकट गहराएगा।