Indore News: आदिवासी बहुल जिलों में सिकल सेल एनीमिया पीड़ितों की जांच के लिए अभियान
Indore News: सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित अधिकतर बच्चे आदिवासी बहुल जिलों में ही पाए जाते हैं।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Tue, 26 Jul 2022 03:35:17 PM (IST)
Updated Date: Tue, 26 Jul 2022 03:35:17 PM (IST)
Indore News: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। इंदौर संभाग के आदिवासी बहुल जिलों आलीराजपुर, खंडवा और झाबुआ में सिकल सेल एनीमिया से पीड़ितों की जांच के लिए अभियान चलाया जा रहा है। शासन के दस्तक अभियान के तहत पांच वर्ष तक की आयु के जिन बच्चों में हिमोग्लोबिन की मात्रा बहुत कम है, उनकी जांच की जा रही है। एनीमिया से ग्रस्त बच्चों के साथ ही गर्भवती महिलाओं की भी जांच कराई जा रही है।
संभागायुक्त डा. पवन कुमार शर्मा ने आलीराजपुर, खंडवा एवं झाबुआ के कलेक्टरों से वीसी के माध्यम से सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए चलाए जा रहे अभियान के संबंध में चर्चा की। खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार सिंह ने बताया कि खंडवा जिले में दस्तक अभियान के तहत पांच वर्ष तक की आयु के ऐसे बच्चे जिनका हिमोग्लोबिन 8 ग्राम प्रति डेसीलीटर से कम है उनकी सिकल सेल एनीमिया जांच कराई जा रही हैं।
इसी तरह अन्य जिलों के कलेक्टर ने भी बताया कि उनके जिले में भी सिकल सेल एनीमिया जांच के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत बच्चों के साथ ही गर्भवती महिलाओं की जांच भी की जा रही है। वीसी में बताया गया कि झाबुआ जिले में अभी तक कुल 4 लाख 62 हजार 943 बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं की एनीमिया जांच की जा चुकी है। इनमें से 544 जांच सिकल सेल एनीमिया पाजीटिव आई हैं।
इसी तरह आलीराजपुर जिले में तीन लाख 57 हजार 762 बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं की स्क्रीनिंग कराई गई, जिनमें से 975 सिकल सेल एनीमिया पाजीटिव पाए गए। संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं की शत-प्रतिशत जांच हो ताकि समय रहते उनका उपचार प्रारंभ किया जा सके। उल्लेखनीय है कि सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित अधिकतर बच्चे आदिवासी बहुल जिलों में ही पाए जाते हैं। यहां बच्चों के खानपान पर ठीक से ध्यान न देने के कारण यह बीमारी होती है।