Indore BRTS Corridor: 'इंदौर में हटेगा बीआरटीएस...', सीएम डॉ. मोहन यादव ने की यह बड़ी घोषणा
सीएम डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को इंदौर में मीडिया से चर्चा के दौरान बीआरटीएस(Indore BRTS Corridor) हटाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इससे जनता को परेशानी हो रही है। इस मामले में प्रदेश सरकार द्वारा अदालत में अपना पक्ष रखा जाएगा।
By Prashant Pandey
Publish Date: Thu, 21 Nov 2024 02:15:49 PM (IST)
Updated Date: Thu, 21 Nov 2024 03:25:28 PM (IST)
इंदौर में बीआरटीएस को लेकर हाईकोर्ट में लगी हैं जनहित याचिकाएं। बीआरटीएस का फाइल फोटो HighLights
- बीआरटीएस को लेकर हाईकोर्ट में लगी है दो याचिकाएं।
- इंदौर शहर में 11.5 किमी लंबा बीआरटीएस बना हुआ है।
- राजीव गांधी प्रतिमा से लेकर निंरजनपुर तक बना है ये।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर (BRTS Indore)। इंदौर शहर में एबी रोड पर बने बीआरटीएस को हटाया जाएगा। सीएम डॉ. मोहन यादव ने शहर में मीडिया से चर्चा करते हुए यह बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि जनता को इससे परेशानी हो रही है और जनप्रतिनिधियों की मांग पर यह निर्णय लिया जा रहा है।
सीएम ने कहा कि अदालत में भी सरकार की ओर से हम इस संबंध में अपना पक्ष रखेंगे। भाजपा प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी है। गौरतलब है कि इंदौर में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) को लेकर एमपी हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में जनहित याचिकाएं लगी हैं।
बीआरटीएस पर होता है बसों का संचालन
बीआरटीएस पर हर दिन यात्री बसों का संचालन किया जाता है। इन बसों में रोजाना 50 हजार से ज्यादा यात्री सफर करते हैं। लेकिन बीआरटीएस की वजह से अन्य वाहनों को जगह कम मिलती है और इस पूरे रूट पर कई जगह जाम की स्थिति बन जाती है।
11.5 किमी का है बीआरटीएस
इंदौर में राजीव गांधी प्रतिमा से लेकर निंरजनपुर तक करीब 11.5 किमी लंबा बीआरटीएस बना हुआ है। जिसमें केवल बसों का संचालन किया जाता है। इसके साथ ही यहां एंबुलेंस को निकलने की अनुमति है।
इंदौर में बीआरटीएस से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
- सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी ने इंदौर के बीआरटीएस को लेकर दो जनहित याचिकाएं हाईकोर्ट में लगाई थीं।
- इंदौर बीआरटीएस पर पहली याचिका 2013 में लगी थी, वहीं दूसरी 2015 में लगाई गई थी।
- मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने इस मामले में बीआरटीएस की उपयोगिता और अन्य बिंदुओं पर जांच के लिए समिति गठित करने के निर्देश दिए थे।
- बीआरटीएस को लेकर बनी इस समिति को आठ सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करना थी।
- इन याचिकाओं को एमपी हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने जबपुर हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया था।