Brahma Kumaris : इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। दुल्हन की तरह सफेद साड़ी में लाल चुनरी ओढ़कर सजी कुमारी से ब्रह्माकुमारी बनने को आतुर 24 कुमारियां। इन्हें माता-पिता और भाई-बहनें जब मंच पर लेकर आए तो उनके आंसू छलक आए। आंसू पोछते हुए माता-पिता बोले- आज मेरा जीवन धन्य हो गया। मेरे कितने जन्मों के पुण्य कर्म होंगे जो इस जन्म में शक्ति स्वरूपा बेटी मिली। इस दौरान कुमारियों ने सात प्रतिज्ञाएं लेते हुए अपना जीवन ब्रह्मचर्य और साधना के पथ पर चलने का संकल्प लिया। शिवलिंग पर वरमाला पहनाकर उन्हें अपना जीवनसाथी के रूप में स्वीकार कर कुमारी से ब्रह्माकुमारी बन गईं।
यह दृश्य था शनिवार दोपहर खंडवा रोड स्थित समारोह परिसर मैरिज गार्डन का। अवसर था ब्रह्माकुमारीज के जोनल हैड क्वार्टर ओम शांति भवन, न्यू पलासिया के तत्वावधान में आयोजित दिव्य अलौकिक प्रभु समर्पण समारोह का। इस मौके पर जोनल निदेशिका राजयोगिनी बीके आरती दीदी ने कहा कि इन बहनों ने परमात्मा को और परमात्मा ने इन बहनों को अपनाया है। माता-पिता यह सोचें कि हमने अपनी कन्याओं को परमात्मा को समर्पित कर दिया है। अब इनकी जिम्मेदारी स्वयं परमात्मा की है। केवल परमात्मा का परिचय जानना ही नहीं उसके प्रति अर्पित होना ही परमात्मा के कार्य में सहयोगी बनना है। समारोह में बेटियों के भाई और पिता पगड़ी बांध कर बरात के रूप में चले और नृत्य भी किया समर्पण करने वाली बीके कुसुम और बीके प्रभा बहन ने अपने जीवन के आध्यात्मिक अनुभव का अनुभव साझा किया। राजिम से आई वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके पुष्पा दीदी, न्यू दिगंबर पब्लिक स्कूल की निदेशिका सिंदू मेढके, अलविदा तनाव अभियान की राष्ट्रीय वक्ता और वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका पूनम बहन ने संबोधित किया।
ये सात प्रतिज्ञाएं लीं -
पिता ने कहा- बेटी ने सिर ऊंचा किया
राजस्थान के कोटा से आई बीटेक कर चुकी सुकृति (32) के पिता मोहनचंद राजपूत ने कहा कि मैं भी आध्यात्मिक जीवन शैली के साथ अपना जीवन जी रहा हूं। मेरी बेटी ने आज मेरा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। माता माया चंद राजपूत ने कहा कि मैंने शुरू से बच्चों को उनके जीवन के फैसले करने के लिए स्वतंत्र रखा। प्रियंका (30) के पिताजी बनबारी लाल राठौर ने कहा ये क्षण मेरे जीवन का अनमोल पल है। माता दुर्गा बाई राठौर ने कहा कि बेटी ने नाम रोशन कर दिया। अब वह समाज को नई दिशा देगी, इससे बड़ी खुशी क्या हो सकती है।
इन 24 बहनों ने समर्पित किया अपना जीवन
भीकनगांव से संगीता, बड़वानी से सीमा, शाहपुरा से सीमा, शिव शक्ति रिट्रीट सेंटर से प्रिया, जोवट से प्रियंका, इंदौर से अनिता, पूर्णिमा, किरण, दीपिका, त्रिवेणी समर्पित हुईं। इसके अतिरिक्त भवानी मंडी राजस्थान से कुसुम, कटनी से दुर्गा, कोटा से सुकृति, जबलपुर से ज्योति, धामनोद से प्रीति भी ब्रह्माकुमारी बनीं। कटनी से नेहा, बेबी, संध्या, महू से दिव्या, इकलेरा से सकुन, हरियाणा करनाल से प्रभा, करनाल से ही सोनिया, लखेरा से अनीता ने अपना जीवन समर्पित किया।