Ayodhya Ram Mandir: जिस तरह रामसेतु बनाने में गिलहरी का योगदान था, वैसे ही राम मंदिर में हमारा
Ayodhya Ram Mandir: बजरंग दल के दिनेश पांडे ने बताई कारसेवा की कहानी। उन क्षणों को याद कर आज भी रोमांचित हो जाता हूं।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Fri, 05 Jan 2024 09:55:12 AM (IST)
Updated Date: Fri, 05 Jan 2024 01:15:25 PM (IST)
जिस तरह रामसेतू बनाने में गिलहरी का योगदान था, वैसे ही राम मंदिर में हमारा Ayodhya Ram Mandir: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। बात वर्ष 1989 की है। उस समय राम मंदिर आंदोलन जोरों पर था। मैं उस वक्त बजरंग दल में महानगर सहसंयोजक था। यह कहना है बजरंग दल के दिनेश पांडे का। उन्होंने बताया कि हम 300 लोग थे, जो अलग-अलग जत्थे के रूप में अयोध्या के लिए निकले थे। हमने तय किया था कि अयोध्या पहुंचने से पहले एक-दूसरे से बात नहीं करेंगे और एक ही वाहन में सवार होने के बावजूद एक-दूसरे से अनजान बने रहेंगे।
तय समय पर ट्रेन से लखनऊ के लिए रवाना हुए। लखनऊ से हमें बसों से अयोध्या जाना था। रास्ते में बसों की जांच भी हो रही थी। हम सभी ने दो जोड़ी कपड़ों के अलावा और कोई सामान साथ नहीं रखा था। आखिर हम अयोध्या पहुंच गए। वहां मुलाकात ऋतुंबरा दीदी, परमानंदजी, विनय कटियार, अशोक सिंघल, जयभानसिंह पवैया सहित कई बड़े नेता मिले। हमें राम चबूतरे का निर्माण करना था।
राम चबूतरा निर्माण में योगदान
तय योजना के अनुसार हम सभी संतों के आश्रमों में ठहर गए, वहीं हमारे खाने-पीने का इंतजाम भी था। जिस स्थान पर चबूतरे का निर्माण किया जाना था उसके चारों तरफ पुलिस का पहरा था। तय योजना के मुताबिक हमें सुबह नित्यकर्म के बाद कार सेवा में जुटना होता था। मैं करीब एक सप्ताह वहां रहा। मुझे इस बात का गर्व है, जिस तरह से राम सेतु तैयार करने में गिलहरी ने योगदान किया था उसी तरह मैं भी राम चबूतरा निर्माण में सहभागी बन सका। उस समय अयोध्या में जबर्दस्त तनाव था। वहां की बातें याद कर आज भी मैं रोमांचित हो जाता हूं।