Anhad Nad Column Indore: ईश्वर शर्मा, इंदौर (नईदुनिया)। हर वर्ष गणेशोत्सव और नवरात्र महापर्व आते हैं। भगवान गणेश और मां की मूर्तियां स्थापित होती हैं। मन आनंद और उल्लास से भर जाता है। किंतु पर्व समाप्त होने पर बप्पा और माता की प्रतिमाओं के विसर्जन पर जिस तरह का ह्दयविदारक दृश्य बनता है, वह दु:ख पहुंचाता है। माटी की गणेश प्रतिमाएं जलस्रोत के पास बिखरी रहती हैं और धर्म मन मसोसकर अपमानित होता रहता है। किंतु हाल ही में इंदौर में संपन्न हुए सबके राम आयोजन ने इस दिशा में एक शानदार राह दिखाई है। आयोजि प्रवीणा अग्निहोत्री व महेंद्र कुमार ने भगवान श्रीराम, मां सीता, लक्ष्मण और हनुमान की प्रतिमाओं को एक कुंड बनाकर सम्मान के साथ विसर्जित किया। इस दृश्य को देख भक्तों के मन में शांति का भाव था कि हमारे देव ससम्मान विदा ले रहे हैं।
शनिवार अर्थात 01 अप्रैल से विविध भारती के एफएम चैनल पर संगीत सरिता नामक कार्यक्रम में कुमार संगीत सुरभि शृंखला प्रारंभ हुई है। इसमें प्रात: और शाम 6.45 बजे इस सदी के महान शास्त्रीय गायक कुमार गंधर्व पर केंद्रित कार्यक्रम प्रसारित हो रहा हे। प्रस्तुतकर्ता हैं कुमार जी की बेटी कलापिनी कोमकली और उनसे बातचीत कर रहे हैं संगीतज्ञ रंगकर्मी पद्मश्री शेखर सेन। इस कार्यक्रम में कुमार गंधर्व शताब्दी वर्ष में विविध भारती के संग्रहालय से कई रोचक संस्मरणों और रिकार्डिंग्स से सुरभित इस कार्यक्रम को सुनना स्मृतियों के सुरीले गलियारों की सैर करना है। इंदौर व देवास को इसे दिल लगाकर सुनना होगा। क्या पता कब कुमार गंधर्व गा दें- उड़ जाएगा हंस अकेला।
इन दिनों इंटरनेट मीडिया की आंखों से भले ही इंदौर की बावड़ी का दर्द रिस रहा हो, लेकिन एक दूसरी तस्वीर भी है, जो इस दु:ख को जरा कम करती है। दरअसल, इन दिनों फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम सहित इंटरनेट मीडिया के तमाम प्लेटफार्म नन्हीं गर्वित मुस्कुराहटों से भरे हुए हैं। बच्चों के परीक्षा परिणाम आए हैं और वे अपनी अंकसूची को गर्व से दिखाते हुए फोटो िखंचवा रहे हैं। इसके बाद का काम उनके माता-पिता का है और वे इन फोटोज को सुंदर और दिलचस्प कैप्शन के साथ इंटरनेट मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं। आप भी एक बार जरा अपने इर्द-गिर्द देखिए। यदि कोई बच्चा अपनी अंकसूची में ब्रह्मांड के आनंद की अनुभूति कर रहा हो, तो उसकी पीठ थपथपा दीजिए। न जाने कल वो कलाम, पिचाई या कोई और दिग्गज बन जाए।
किसी पौधे को तीन-चार दिन पानी न दिया जाए, तो वह मुरझा जा जाता है। हालांकि,पानी मिलते ही वो कुछ ही दिन में फिर हरा-भरा हो जाता है। किंतु सिंचाई की इंजीनियरिंग में एक चीज पढ़ाई जाती है, जिसे विल्टिंग प्वाइंट कहते हैं। यह वह स्थिति होती है कि जब कोई पौधा पानी न मिलने पर ऐसा सूखता है कि फिर वह कभी जिंदा नहीं हो पाता। पौधे को इस विल्टिंग पाइंट की स्थिति से बचाने के लिए उसके पूरी तरह सूखने से पहले उसे पानी दे देना चाहिए। रिश्ते भी पौधों की तरह ही होते हैं। इन्हें भी विल्टिंग पाइंट तक जाने से बचाना चाहिए। इन्हें भी मेल-मुलाकात का पानी देते रहना चाहिए। यह बात आज इसलिए याद आई क्योंकि इंदौर में हुए बावड़ी हादसे में एक ऐसा शख्स चला गया, जिससे मैं कई दिनों से मिला नहीं था। उस रिश्ते को पानी दे देना चाहिए था।