Indore News: नई कालोनियों की चकाचौंध के बीच लिम्बोदी गांव का वैभव और विकास अधूरा
Indore News: ड्रेनेज और नल लाइन डाली, लेकिन घरों में नहीं किया कनेक्शन।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Thu, 19 Jan 2023 01:10:20 PM (IST)
Updated Date: Thu, 19 Jan 2023 01:10:20 PM (IST)
Indore News: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। करीब नौ साल पहले नगर निगम सीमा में शामिल किए गए गांव आज भी मूलभूत सूविधाओं को तरस रहे है।गांवों में सड़क, पानी और ड्रेनेज लाइन जैसी मूलभूत सुविधाएं अब तक नहीं पहुुंच पाई।कुछ ऐसा ही हाल खंडवा रोड़ पर स्थित लिम्बोदी गांव का है।गांव के आसपास विकसित की गई कालोनियों की चकाचौंध में गांव को खोजना मुश्किल है, लेकिन जब आप तमाम कालोनियों के बीच से गुजरकर मूल गांव में पहुंचते हो तो आपको पूरा नजारा ही बदला सा नजर आ जाएगा।गांव के मुख्य मार्ग और संकरी गलियाें में अभी भी डामरीकरण नहीं हो पाया। गांव में बने मकान और गलियां गांव की स्थिति का हाल बता देते है।गांव के मध्य से गुजरने वाले नाले में घरों का पानी जमा हो रहा है और घास उग आई है।इसको साफ कर बंद करने की कोशिश इतने सालों में नहीं की गई।
खंडवा रोड़ पर बसे लिम्बोदी गांव के आसपास एक दर्जन कालोनियां विकसित हो गई। इसमें श्रीकष्ण एवेन्यू, पीस पाइंट, सूरज विहार, गंगा नगर जैसी कालोनियां तो गांव से जुड़ चुकी है। ऐसे में दूर से गांव नजर नहीं आता।नई कालोनियाें में सड़क, ड्रेनेज और स्ट्रीट लाइटे व्यवस्थित है, लेकिन जैसे ही आप गांव में पहुंचते है, तो यहां सड़क अब तक नहीं बन पाई।गांव की गलियां भी नौ सालों में निगम द्वारा पक्की नहीं की गई।
गांव में रहने वाले महिपाल सिंह का कहना है कि सफाई की व्यवस्था तो ठीक हो चुकी है। लेकिन गांव के बीच से निकलने वाले नाले को अब तक बंद नहीं किया गया।एक सप्ताह पहले गांव में कुछ हिस्सों में मंदिर के पास डामर बिछाया गया है।लेकिन अधिकांश सड़के नहीं बन पाई है।महिपाल का मानना है कि शहरी सीमा में शामिल होने से गांव के युवाओं को अच्छी शिक्षा सुविधा मिल रही है। गांव के अधिकांश युवा उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे है।
घरों से नहीं जोड़े कनेक्शन
गांव में रहने वाले किसान रधुनाथ सिंह राठौर का कहना है कि निगम ने ड्रेनेज और नल की लाइन डाल दी। लेकिन अब तक घरों से कनेक्शन नहीं जोड़े गए।गांव में आज भी सेफ्टी टेंक से ही बाथरूम जुड़े हुए है। नल की लाइन का हाल भी ऐसा ही है। पानी के कनेक्शन घरों तक नहीं जोड़े गए। इनको जोड़ने के लिए फिर तोड़फोड़ की जाएगी। नगर निगम सीमा में आने से गांव में एलइडी लाइट लग चुकी है।
पचास साल पहले गांव में थे 25 परिवार
किसान रघुनाथ सिंह का कहना है कि 50 साल पहले गांव में 25 परिवार निवास करते थे। इसमें किसान और मजूदर दोनों शामिल थे। समय के साथ परिवार में बटवारा होता गया और नये परिवार बनते गए। कुछ लोग बाहर से आकर भी गांव में बस गए।नो साल पहले पंचायत के दौर में गांव में 300 परिवार निवासरत थे। नई कालोनियों के कारण अब गांव शहर का आकार ले चुका है।