2000 ka Note: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। दो हजार के नोट बदलवाने की प्रक्रिया सरकारी घोषणा की तरह आसान नहीं हो सकी है। दिल्ली से ऐलान हुआ था कि बैंकों से नोट बदलवाने के लिए किसी प्रकार का पहचान पत्र नहीं देना होगा। न ही फार्म भरने की जरूरत होगी। मंगलवार से बैंक में नोट बदलवाने की शुरुआत हुई। लोग जब नोट बदलवाने पहुंचे तो बैंकों ने उनसे आधार कार्ड मांग लिया। साथ ही बैंकों द्वारा फार्म भी भरवाया जा रहा है। शहर के तमाम व्यापारियों ने भी इस बारे में शिकायत की। न केवल निजी बैंक बल्कि राष्ट्रीयकृत बैंकों में भी पहले दिन यही प्रक्रिया अपनाई गई।
मंगलवार को राजवाड़ा क्षेत्र, जवाहर मार्ग, क्लाथ मार्केट क्षेत्र के व्यापारी नोट बदलवाने और प्रक्रिया का पता करने के लिए बैंकों में पहुंचे। क्लाथ मार्केट व्यापारी एसोसिएशन के प्रवक्ता अरुण बाकलीवाल के अनुसार, क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक के अधिकारियों ने कहा कि नोट बदलवाने भेजें तो आधार कार्ड के साथ ही भेजें। यही जानकारी बैंक आफ बड़ौदा और अन्य बैंकों ने भी दी है। कारोबारी गोविंद राठी के अनुसार, न केवल आधार कार्ड, लाइसेंस या पासपोर्ट अनिवार्य किया गया है, बल्कि एक प्रोफार्मा भी भरवाया जा रहा है। इसमें बैंक अकाउंट नंबर भी लिखने को कहा जा रहा। यह रिजर्व बैंक की घोषणा के बिल्कुल उलट है।
दरअसल, इस बारे में पूछे जाने पर बैंक के अधिकारी साफ कह रहे हैं कि उन्हें अब तक रिजर्व बैंक की ओर से लिखित में कोई निर्देश नहीं मिला है। जब तक निर्देश नहीं मिलेगा, वे पहचान पत्र के बगैर नोट नहीं बदलेंगे। इस मामले में बैंक के कुछ सूत्र बता रहे हैं कि नोट बंद करने की घोषणा के बाद 19 मई को बैंकों के मुख्यालयों की ओर से एक निर्देश मिला था। उसके साथ एक एनेक्सचर दिया गया था। उसमें 20 हजार तक के नोट बदलने के लिए पहचान पत्र और फार्म का उल्लेख था।
सूत्रों के अनुसार, बाद में दिल्ली से रिजर्व बैंक ने बिना कागजी औपचारिकता के नोट बदलने की घोषणा की। इसके बाद बैंक मुख्यालयों ने नया निर्देश जारी किया। अब तक कई बैंक शाखाओं में नया निर्देश नहीं मिला। ऐसे में वे पुराने निर्देश के अनुसार प्रक्रिया का पालन करवा रहे हैं।