नईदुनिया प्रतिनिधि, नर्मदापुरम। लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण यंत्री आरसी तिरोले को उनके ही आवास में लोकायुक्त टीम भोपाल ने 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। बैतूल जिले के मुलताई व भैंसदेही में 8 सड़कों का निर्माण कार्य ठेकेदार द्वारा कराया गया था, जिसमें शेष कार्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रकरण तिरोले के पास लंबित है। इस प्रकरण के निराकरण के लिए तिरोले ने 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।
ठेकेदार ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक भोपाल को की थी। एसपी ने शिकायत आवेदन का सत्यापन कराया व टीम गठित की। रविवार दोपहर के समय तिरोले ने जैसे ही अपने शासकीय आवास पर रिश्वत की राशि ली, तभी लोकायुक्त टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
सरकारी गाड़ियों से लोकायुक्त की टीम अधीक्षण यंत्री तिरोले के आवास पर दोपहर में पहुंची। इसके बाद टीम ने देर शाम तक कार्रवाई की। विभाग के इंजीनियर, बाबू समेत अन्य कर्मचारी कार्रवाई देखने अधीक्षण यंत्री के बंगले के बाहर बार-बार देखने पहुंचे। बंगले के अंदर किसी को प्रवेश नहीं दिया गया।
बताया जा रहा है कि तिरोले ने जैसे ही रिश्वत की राशि ली, वैसे ही लोकायुक्त टीम को इशारा कर दिया गया था। इशारा पाते ही लोकायुक्त टीम आवास के अंदर घुसी और तिरोले को पकड लिया। उसके पास से ही नोटों की गड्डियां बरामद की गईं।
लोकायुक्त टीम का नेतृत्व डीएसपी अनिल वाजपेयी ने किया। टीम में डीएसपी संजय शुक्ला, निरीक्षक नीलम पटवा, निरीक्षक उमा कुशवाहा, प्रधान आरक्षक बृज बिहारी पांडे, आरक्षक राजेंद्र पवन, आरक्षक मनमोहन साहू शामिल रहे।
अधीक्षण यंत्री आरसी तिरोले के खिलाफ जो शिकायत प्राप्त हुई थी, उसकी जांच कराने के बाद आगे कार्रवाई की गई। आवेदक से शेष कार्यों के निर्माण के नाम पर रिश्वत की मांग की गई थी। लंबित प्रकरण के निराकरण के एवज में यह रिश्वत ली जा रही थी। मामले की जांच की जा रही है। - मनु व्यास, एसपी, लोकायुक्त संगठन, भोपाल।