नर्मदापुरम (होशंगाबाद), नवदुनिया प्रतिनिधि। ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा गुरुवार को एक दिवसीय प्रवास पर होशंगाबाद पहुंचे। सिन्हा ने कलेक्टर धनंजय सिंह के साथ ग्राम जासलपुर में स्व सहायता समूह द्वारा निर्मित उत्पादों का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने समूह की महिलाओं से चर्चा की। जिला पंचायत सीईओ मनोज सरियाम उपस्थित रहे। सिन्हा ने माध्यमिक शाला जासलपुर में रविदास स्व सहायता समूह द्वारा निर्मित मशरूम कल्टीवेशन, आचार, मशरूम पाउडर, वाशिंग पाउडर, घरेलू साज.सज्जा का सामान को देखा और निर्मित उत्पादों की प्रशंसा की। उन्होंने स्व सहायता समूह की महिला द्वारा लैपटॉप के माध्यम से विद्युत निष्ठा ऐप पर बिजली बिल भरे जाने की प्रक्रिया जानी और स्वयं ट्रांजेक्शन करके देखा।
स्व सहायता समूह की महिलाओं के साथ संवाद कर समूह द्वारा की जा रही विभिन्ना आर्थिक गतिविधियों की जानकारी ली। इस अवसर पर कहा कि समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पाद बहुत अच्छी क्वालिटी के हैं। इन उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग की जाए। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा स्व सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए किए गए प्रयासों तथा उपार्जन कार्य से स्व सहायता समूह की महिलाओं को जोड़ने के कार्य की सराहना की। सिन्हा ने माध्यमिक शाला जासलपुर परिसर में पौधारोपण भी किया।
बाबई सामुदायिक केंद्र का लिया जायजा : इसके बाद उन्होंने विकासखंड बाबई के सामुदायिक प्रशिक्षण केंद्र में ओम संकुल स्तरीय संगठन द्वारा स्व सहायता समूह के माध्यम से संचालित पापड़ निर्माण इकाई, हाईटेक सिलाई सेंटर का भी अवलोकन किया। उन्होंने मशीन के माध्यम से पापड़ बनाने की प्रक्रिया देखी एवं पापड़ निर्माण में लगने वाली लागत, विक्रय स्थल और महिलाओं को प्राप्त होने वाले आमदनी के बारे में जानकारी ली। लक्ष्मी स्व सहायता समूह की महिला सविता यादव द्वारा बताया गया कि आजीविका मिशन के माध्यम से प्राप्त हुए ऋण से मशीन क्रय कर पापड़ निर्माण का कार्य किया जा रहा है। समूह की सदस्य महिला को प्रतिमाह 10 से 15 हजार रुपये की आमदनी प्राप्त होती हैं। महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे यूनिफॉर्म, बरमूडा, लोअर आदि का भी जायजा लिया।
उन्होंने समूह की महिलाओं से आग्रह किया कि वे अपने समूह को और अधिक मजबूत बनाएं ताकि कोई भी महिला रोजगार से वंचित ना हो। स्व सहायता समूह के विकास के लिए विभिन्ना संस्थाएं व संगठन कार्यरत हैं। समूहों का दायित्व है कि वे संस्थाओं के क्रियाकलापों पर सतत निगरानी रखें और उन्हें अपने प्रति जिम्मेदार बनाएं।