Harda News नवदुनिया प्रतिनिधि, हरदा। जल संसाधन विभाग द्वारा रबी सीजन की फसल में पानी पहुंचाने के लिए जिले की अनदेखी की जा रही है। विभाग के द्वारा चैन क्रमांक 3008 पर 1400 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है, जबकि मांग 1800 क्यूसेक की बनी हुई है। पानी की कमी के कारण टेल क्षेत्र की नहर सूखी पड़ी हुई है। जबकि किसान खेतों में पानी लगाने के लिए नहर में पानी आने का इंतजार कर रहे हैं।
किसानों ने पानी के पहले यूरिया का छिड़काव कर दिया है। अब जब पानी की आवश्यकता है तो नहर में पानी सूख चुका है। विभाग द्वारा सोनतलाई सब डिवीजन को जितना पानी दिया जा रहा है उतना ऊपर के शाखों में ही लग रहा है। नीचे की पूरी शाखा सूखी पड़ी हुई है। मावठे की बारिश के बाद सभी किसानों का पानी एक साथ आने से स्थिति खराब बनी हुई है।
नीचे और ऊपर दोनों ही क्षेत्र के किसानों को खेतों में पानी लगाने की जल्दी है, लेकिन पर्याप्त पानी का अभाव होने से दोनों ही जगह फसल में पानी नहीं दे पा रहे हैं। इसका उत्पादन पर असर पड़ सकता है।
विभाग के एसडीओ मौसम पोर्ते का कहना है कि एलबीसी को 900 क्यूसेक के करीब पानी मिल रहा है, जिसमे सोनतलाई सब डिवीजन में एक मीटर गेज की आवश्यकता है। जहां 90 सेंटीमीटर करीब चल रहा है। जल्द ही 1 मीटर से ऊपर पानी दिया जाएगा। दिन में चलने वाली छोटी शाखों को शाम को बंद कर पूरा पानी नीचे उतर जाएगा, जिससे दोनों ही जगह के किसानों को पानी मिल सकेगा।
वहीं किसानों का कहना है कि एक दो रोज में विभाग द्वारा यदि व्यवस्था में सुधार नहीं किया जाता है तो आंदोलन किया जाएगा। किसान हरनारायण चौधरी, भजनलाल विश्नोई ने बताया कि नहर में पानी आने के साथ ही गेहूं में पहला पानी लगाया था, लेकिन दो दिन चलकर नहर बंद हो गई मावठे की बारिश के बाद किसान खेतों में पानी लगा रहे हैं। दो-चार दिनों में सभी किसानों को पानी की जरूरत पड़ेगी। विभाग को चाहिए कि पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराया जाए, ताकि सिंचाई की जा सके।