Harda News हरदा (नवदुनिया प्रतिनिधि)। शहर में दुकानों का दायरा सड़क तक आ गया है। बाजारों में छोटी-बड़ी सभी प्रकार की दुकानें होती है। छोटे दुकानदार दुकान का दायरा बढ़ाने के लिए दुकानों को सड़कों तक सजा लेते हैं। छोटी दुकान के सजते ही पास की बड़ी दुकान वाले को लगता है कि इससे उसकी दुकान ढंक गई। इसलिए छोटे दुकानदार की होड़ में भी वह सड़क पर दुकान सजा लेता है।
यहीं नहीं दुकान के सामान के डिस्प्ले के लिए सड़क पर नीचे से ऊपर तक सामान लगा देते है, जिससे पड़ोसी की दुकान दब जाती है। अपनी दुकान को दिखाने के लिए पड़ोसी भी यही करता है और पूरा बाजार सड़क पर आ जाता है। इसी सोच ने पूरे बाजार की शक्ल को बिगाड़ कर रख दिया।
शहर में दुकानदार तीन से चार फीट सड़क पर पक्का या लकड़ी का तख्त लगाकर दुकानों को लगाते हैं। शहर में यह परंपरा बन चुकी है। 2 फीट से शुरू हुई यह परंपरा व प्रशासन की उदासीनता ने इसे 4 से 5 फीट तक कर दिया। परिणाम शहर के मुख्य मार्गों पर पैदल चलना भी दूभर हो जाता है।
इस पर नियमों के विपरीत दौड़ते आटो और अन्य वाहन समस्या को और बढ़ा देते हैं। शहर को अगर व्यवस्थित करने के साथ ट्रैफिक समस्या से मुक्त करना है तो इस परंपरा को तोड़ना ही होगा। तभी जाकर शहर सुन्दर, स्वच्छ के साथ व्यवस्थित नजर आएगा। बाजार में अगर ट्रैफिक सुगम है लोग आसानी के साथ दुकानों तक पहुंच सकते हैं तो बाजार में व्यापार भी बढ़ेगा।
दुकानदार देवेंद्र जोशी ने बताया कि बाजार की भीड़ में जाने से बचने के लिए वह कई बार खरीदारी तक टाल देते हैं। अंदर बस्ती शहर के मुख्य बाजार है। घंटाघर क्षेत्र, नई सब्जी मंडी आदि क्षेत्रों में छोटे छोटे बाजार विकसित हो चुके हैं। लोग यहां से खरीद करना शुरू कर देते हैं। किसी भी शहर के सुन्दर व व्यवस्थित होने पर प्रशासन के साथ स्थानीय रहवासियों की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है।
बाजार सुंदर नजर आए। इसके लिए प्रशासन के साथ स्थानीय व्यापारियों को भी पहल करनी होगी। सभी व्यापारियों को खासतौर से बड़े व्यापारियों को अपनी दुकानें अपनी सीमा में ही लगाने पहल करनी होगी। ताकि पूरी सड़क ग्राहकों के साथ बाजार में आने जाने वाले लोगों को मिल सकें।
दुकानों के सामने अतिक्रमण की स्थिति दिखवाई जाएगी। अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई कर सड़कों पर जाम न लगे ऐसे प्रयास करेंगे। -कमलेश पाटीदार, सीएमओ, नगर पालिका हरदा