रदा। नवदुनिया प्रतिनिधि
जौनपुर से मुंबई जा रही उत्तर प्रदेश की नाबालिग बालिका को जीआरपी द्वारा चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया गया था। जिसे 18 अक्टूबर चाइल्ड लाइन द्वारा बालिका के पिता से फोन के मध्यम से संपर्क कर परिजनों को तलाश गया। बालिका ने काउंसिलिंग के दौरान बताया की उसे दो युवकों द्वारा (बालिका को नाम पता नहीं है) मामा और अन्य परिजनों के नाम बताया और मामा के घर गांव महाराष्ट्र ले जाने का कह कर ट्रेन में बैठा दिया गया। बालिका ने बताया कि उसका मोबाइल बंद हो गया था और ट्रेन में किसी से संपर्क नहीं हो पाया। बालिका की ट्रेन में नींद लगने के कारण वह हरदा जिले तक ट्रेन में आ गई। टीसी द्वारा टिकट मांगे जाने पर बालिका ने अपनी आप बीती बताई, जिस पर टीसी द्वारा बालिका की मदद के लिए बालिका को हरदा जीआरपी पुलिस के सुपुर्द किया गया। जीआरपी थाना प्रभारी ओपी गड़वाल द्वारा बालिका के संबंध चाइल्ड लाइन समन्वयक अशोक सेजकर को सूचना दी गई। इस हेतु समंवयक द्वारा टीम के संजू मोहे को जीआरपी थाना भेजा गया। जहां बालिका के आवश्यक दस्तावेजों व स्वास्थ्य परीक्षण करा कर चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया गया। चाइल्ड लाइन द्वारा परिजनों से संपर्क किया गया एवं बालिका के रहने खाने भोजन आदि की व्यवस्था कर चाइल्ड लाइन के संरक्षण में रखा गया। परिजनों को तलाश कर आवश्यक दस्तावेज के साथ बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बाल कल्याण समिति से कृष्णा मालवीय व राजेश खोदरे द्वारा परिजनों की काउंसिलिंग कर चाइल्ड लाइन से रविराज सिंह राजपूत व संजू मोहे की मौजदूगी में परिजनों के सुपुर्द किया गया।