औरंगाबाद में गुम हुआ बालक को चाइल्ड लाइन ने ढूंढ कर सुपुर्द किया
हरदा। नवदुनिया प्रतिनिधि
समेकित बाल संरक्षण योजना बच्चों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है। चाइल्ड लाइन व बाल संरक्षण इकाई मिलकर बच्चों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय त्रिपाठी ने बताया कि पिछले दिनों जिले के ग्राम झिरी का एक बालक अपने चाचा-चाची के साथ महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित अस्पताल गया था। जहां चाची ने बालक को अकेले ही पानी लेने के लिए भेज दिया था। लेकिन बालक दो - तीन घंटे तक वापस नहीं आया, तो बालक के चाचा - चाची ने उसे बहुत खोजने का प्रयास किया लेकिन बालक नहीं मिला। बालक के चाचा - चाची उदास होकर घर ग्राम झिरी हरदा आ गए। बालक के पिता ने समेकित बाल संरक्षण योजना अंतर्गत शासन के निर्देश अनुसार गठित ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति को अवगत कराया। ग्राम पंचायत स्तरीय समिति व बालक के पिता ने दूरभाष पर जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास हरदा को अवगत कराया कि हमारा बालक औरंगाबाद (महाराष्ट्र) में रह गया है और अब मिल नहीं रहा है। जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास ने बाल कल्याण समिति औरंगाबाद व जिला बाल संरक्षण इकाई औरंगाबाद से दूरभाष पर संपर्क किया गया तो औरंगाबाद की जिला बाल संरक्षण इकाई ने बताया कि एक नया बालक उनके बाल - गृह में प्रवेश हुआ है। बालक की काउंसलिंग महाराष्ट्रीयन व हिंदी के दुभाषिये से कराई गई। बालक ने दुभाषिया विशेषज्ञ को अपना नाम, पिता का नाम, ग्राम का नाम व जिले का नाम बताया। काउंसलिंग के बाद जिला बाल संरक्षण इकाई औरंगाबाद के अधिकारी ने हरदा महिला एवं बाल विकास को बताया कि बालक हरदा का ही है, बालक को जिला बाल संरक्षण इकाई औरंगाबाद ने वहां के अधिकारी कर्मचारियों के साथ बालक को 11 अगस्त को हरदा भेजा। जिला बाल संरक्षण इकाई हरदा ने माता-पिता को दस्तावेज लेकर बाल कल्याण समिति बुलाया तथा दस्तावेज के आधार पर पहचान मिलान कर बालक को बुधवार को माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया।
---------------