खिरकिया। नवदुनिया न्यूज
सिराली के सरकारी अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ आरके विश्वकर्मा की खिरकिया सरकारी अस्पताल में वापसी हो गई है। वे यहां बीएमओ होंगे। यह आदेश सीएमएचओ डॉ केके नागवंशी ने जारी किया है। वहीं वर्तमान में बीएमओ का प्रभार संभाल रहे चिकित्सक डॉ राजेंद्र ओनकर का तबादला मसनगांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में किया गया है। खिरकिया में डॉ विश्वकर्मा के आने से एनआरसी और एनबीएसयू की हालत सुधर सकती है। उल्लेखनीय है कि डॉ विश्वकर्मा खिरकिया अस्पताल में बीएमओ थे। कांग्रेस सरकार में उन्हें एक महिला से अभद्र व्यवहार के कथित आरोप में करीब डेढ़ साल पहले निलंबित किया गया था, निलंबन अवधि के बाद उनकी पोस्टिंग सिराली अस्पताल में की गई थी। मालूम हो कि डॉ विश्वकर्मा के कार्यकाल में कुपोषित बच्चों को पोषण देने के मामले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) गत वर्ष प्रदेश में दूसरे नंबर पर रहा था। लेकिन इस वर्ष इसकी स्थिति बंद जैसी हो गई। चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना के बाद पूर्व से संचालित व्यवस्थाएं भी गड़बड़ा गई। हालात यह है कि एनबीएसयू एवं एनआरसी जैसे महत्वपूर्ण केंद्रों को बंद रखा जा रहा है।
जानकारी के अनुसार अस्पताल के प्रथम तल पर बना पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों को भर्ती रखकर पोषण आहार व उपचार दिया जाता है, लेकिन विगत एक वर्ष से यहां बच्चों की कमी बनी हुई है। कोरोना और अस्तपाल की व्यवस्थाओं का असर पोषण पुनर्वास केंद्र पर भी देखने को मिल रहा है। ऐसे में ब्लॉक के आदिवासी अंचल में कुपोषण से जिंदगी की जंग लड़ रहे बच्चों को पोषित करने का ग्राफ नीचे गिरता जा रहा है। पोषण पुनर्वास केंद्र में स्वास्थ्य विभाग की आशाओं एवं महिला बाल विकास की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से बच्चे लाए जाते हैं।
लक्ष्य से पिछड़ रहा कुपोषण-
पोषण पुनर्वास केंद्र में प्रतिमाह 20 बच्चों को भर्ती कर पोषण दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन वर्तमान में लक्ष्य की पूर्ति नहीं हो पा रही है। 2018 में 115 प्रतिशत बच्चों की भर्ती हुई थी, जो लक्ष्य पूर्ति से भी 15 फीसद अधिक रहा था। 2019 में लक्ष्य 80 फीसद के आसपास ही रहा है। वर्ष 2016-17 में 240 बच्चों का लक्ष्य मिला था। इसमें लक्ष्य से 26 अधिक बच्चों को पोषण लाभ मिला था। वहीं वर्ष 2017-18 में भी लक्ष्य से अधिक पूर्ति हुई थी, लेकिन वर्तमान वर्ष में स्थिति बदतर हो गई है।
प्रदेश में दूसरे नंबर पर था खिरकिया एनआरसी-
समूचे प्रदेश में खिरकिया एनआरसी बच्चों को पोषण देने के मामले में दूसरे नंबर पर रहा है, लेकिन इस वर्ष इसकी रैंकिंग पिछड़ सकती है। गत वर्ष सभी राज्यों की एनआरसी टीम को प्रशिक्षण दिया गया था। इसमें मध्यप्रदेश से एकमात्र खिरकिया एनआरसी से तात्कालीन बीएमओ डॉ. आरके विश्वकर्मा एवं पोषक प्रशिक्षक मोनिका बारस्कर को उनके बेहतर कार्य के कारण प्रशिक्षण में बुलाया गया था, लेकिन डॉ विश्वकर्मा के चले जाने के बाद यहां व्यवस्था गडबड़ा गई।