नवदुनिया प्रतिनिधि, हरदा। कलेक्टर जनसुनवाई में मंगलवार को धुरगाड़ा गांव निवासी एक दिव्यांग ने जमकर हंगामा किया। दिव्यांग घर के सामने बना रैंप हटने से नाराज था। उसने प्रशासन पर भेदभाव करने का आरोप भी लगाया। उसने खुद को माचिस से आग लगाने का भी प्रयास किया, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी व अन्य लोगों ने उसे रोक लिया। दिव्यांग की समस्या सुनने के बाद कलेक्टर आदित्य सिंह ने तत्काल अधिकारियों को मौके पर भेजकर सही स्थिति पता करने के निर्देश दिए।
धुरगाड़ा निवासी राकेश सिंह राजपूत (50 वर्ष) गांव में किराना दुकान चलाता है। सामग्री दुकान तक लाने उसने कुछ समय पहले चार पहिया वाहन खरीदा, जिसे घर के अंदर खड़ा करने के लिए सड़क पर रैंप बना दिया। दिव्यांग ने आरोप लगाया कि गांव के कुछ लोगों ने उसे परेशान करने के लिए गलत शिकायत की थी। इसके बाद राजस्व विभाग ने जेसीबी से स्लोप को तोड़ दिया। दिव्यांग राकेश ने बताया कि रैंप टूटने से उसे गाड़ी निकालने में परेशानी हो रही है। उसने गांव के सरपंच और सचिव पर भी भेदगांव के आरोप लगाए हैं। समस्या सुनने के बाद कलेक्टर ने कहा कि दिव्यांग की समस्या सुनकर मौके पर अधिकारी भेजे हैं, जो सही स्थिति पता कराएंगे। मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दिव्यांग राकेश कलेक्टर को अपनी समस्या बता रहा था। वह रैंप हटने से इतना नाराज था कि उसने कलेक्टर से बात करते करते जेब से माचिस निकाली और खुद को आग लगाने का प्रयास किया। मौके पर मौजूद एक पुलिसकर्मी ने उसे ऐसा करने से रोक लिया। दिव्यांग के साथ उसकी पत्नी भी आई थी, जिसने कलेक्टर से कहा कि उसका पति परेशान है इसलिए वह ऐसा कर रहे हैं।
गांव के करीब पचास लोग अलग अलग जनसुनवाई में दिव्यांग राकेश द्वारा सड़क पर बनाए रैंप को तुड़वाने के लिए आवेदन दे चुके हैं। आवेदनों में ग्रामीणों ने उल्लेख किया कि राकेश के घर के आगे की सड़क महज 10 फीट चौड़ी है। इस सड़क पर राकेश ने तीन से चार फीट ऊंचा रैंप बना दिया ताकि वाहन को घर के अंदर खड़ा कर सके। रैंप बनाकर राकेश ने आधी सड़क को घेर लिया, जिससे सड़क से ट्रैक्टर सहित अन्य चार पहिया वाहनों का आवागमन बंद हो गया। अलग अलग जनसुनवाई में आवेदन आने के बाद कलेक्टर ने नायब तहसीलदार से मामले की जांच कराई, जिसमें सड़क पर रैंप का अवैध निर्माण होना सिद्ध हो गया। इसके बाद भी कलेक्टर ने एसडीएम और एडीएम से भी जांच कराई, जिसमें अतिक्रमण पाया गया। इसके बाद रैंप को तोड़ने की कार्रवाई की गई। इस समस्या से परेशान पचास से अधिक ग्रामीणों ने आठ से अधिक सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत भी की थी।