महेश गुप्ता.नईदुनिया ग्वालियर। तकनीक और देश के संगीतिक इतिहास की बेजोड़ जुगलबंदी से ख्यातिलब्ध तानसेन संगीत समारोह को शताब्दी वर्ष आयोजन खास होने जा रहा है। मध्यप्रदेश के संस्कृति विभाग ने इस अवसर को विशेष बनाने के लिए संगीत रसिकों के लिए इस समारोह में विगत 99 वर्षों में मूर्धन्य कलाकारों द्वारा दी गई विशेष प्रस्तुतियों को एक साथ यू-ट्यूब चैनल पर संजोया गया है। इन्हें सुनने के लिए एक क्यूआर कोड जारी किया जाएगा।
इसे स्कैन करके संगीतप्रेमी मोबाइल फोन में यू-ट्यूब के माध्यम से दुर्लभ राग, बंदिशें एवं प्रस्तुतियों को सुन सकेंगे। विभाग ने आकाशवाणी, जनसंपर्क विभाग की रिकार्डिंग और संगीतकारों के संकलन से यह सामग्री जुटाई है। इनमें भीमसेन जोशी व शंकर गंधर्व के गायन और छत्रपति सिंह जूदेव के पखावज वादन की कालजयी प्रस्तुतियां प्रमुख हैं।
यह क्यूआर कोड आयोजन से पहले जारी कर दिया जाएगा। बता दें, ग्वालियर के मोहम्मद गौस मकबरा परिसर स्थित मुख्य समारोह 14 दिसंबर को पूर्वरंग गमक के साथ आरंभ होगा। 15 दिसंबर की शाम की सभा का औपचारिक शुभारंभ मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव करेंगे। यूट्यूब चैनल के लिए सामग्री को जुटाने में एक साल का समय लगा है। जनसंपर्क से कई वर्षों की रिकार्डिंग निकलवाई गई। इसके पूर्व आकाशवाणी से रेडियो प्रसारण के कंटेंट इकट्ठा किया गया है।
इसके बाद वीडियो क्रिएटर से इसे संयोजित कराया गया है। इसे फाइनल टच मिल चुका है। उम्मीद है कि दिसंबर के पहले सप्ताह में इसे जारी कर दिया जाएगा। साथ ही तानसेन समारोह के दौरान जगह-जगह बार कोड लगे होंगे, जिन्हें स्कैन कर संगीत रसिक अतीत के झरोखों से मृर्धन्य कलाकारों के दुर्लभ राग, बंदिशें सुन सकेंगे।
यूट्यूब में पंडित कुमार गंधर्व, पंडित भीमसेन जोशी का गायन, राजा छत्रपति सिंह जूदेव, स्वामी रामदास पागलदास का पखावज, मालिनी राजुरकर, वीणा शहस्त्रबुद्धे का ख्याल गायन, पंडित हनुमान प्रसाद मिश्र की सारंगी, पंडित शिवकुमार शर्मा का संतूर, पंडित अनिंदु चटर्जी का तबला, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया की बांसुरी, उस्ताद अमजद अली खां का सरोद, उस्ताद जिया मोहिउद्दीन डागर, उस्ताद फहीमुद्दीन डागर, उस्ताद नसीरुद्दीन अमीनउद्दीन डागर, विदुषी किशोरी अमोनकर, पंडित विदुर मलिक का ध्रुपद, पंडित कृष्ण राव पंडित, पंडित राजा भैया पूछवाले, पंडित बाला साहब पूछवाले, पंडित लक्ष्मण पंडित की प्रस्तुतियां सुन सकेंगे।