नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। शहर के चारों ओर रिंग रोड को पूरा करने के लिए एक हजार करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित वेस्टर्न बायपास की टेंडर प्रक्रिया भूमि अधिग्रहण के चक्कर में उलझी हुई है। इस बायपास के निर्माण के लिए 144 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। इसमें 44 हेक्टेयर भूमि निजी है, जबकि बाकी भूमि राजस्व तथा वन विभाग की है।
वेस्टर्न बायपास के निर्माण के लिए गत 29 अगस्त को नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया ने 646 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया था, लेकिन अभी तक भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू नहीं होने के कारण टेंडर नहीं खोले जाएंगे। एनएचएआइ के अधिकारी एक बार फिर से टेंडर की समय सीमा बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत कुल 144 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें से 44 हेक्टेयर निजी भूमि है, जिसका अधिग्रहण करने पर लगभग 70 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि वितरित की जाएगी। बाकी भूमि सरकारी यानी राजस्व तथा वन विभाग की है, जिसका अधिग्रहण कर निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।
ये वेस्टर्न बायपास जिगसौली, कुलैथ, मेहदपुर जैसे गांवों से होते हुए शिवपुरी स्थित हाइवे पर आकर मिलेगा। वर्तमान में ग्वालियर-आगरा हाइवे पर मुरैना की ओर से प्रवेश करने वाले वाहनों को यदि शिवपुरी की ओर हाइवे के जरिए जाना है, तो उन्हें ग्वालियर बायपास से होते हुए मालवा कालेज और वहां से ईस्टर्न बायपास पर होकर निकलना पड़ता है। यह दूरी कुल 61 किमी पड़ती है, लेकिन जब वेस्टर्न बायपास का निर्माण होगा, तो निरावली से साडा क्षेत्र, सोनचिरैया अभ्यारण्य होते हुए शिवपुरी हाइवे की दूरी सिर्फ 28.800 किमी होगी।
इस प्रकार 32.200 किमी की दूरी कम हो जाएगी। इस प्रोजेक्ट के टेंडर खोलने से पहले नेशनल हाइवे अधिनियम 1956 की धारा 3डी के तहत भूमि को चिह्नित कर अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की जाती है। इस अधिसूचना को जारी करने का प्रस्ताव अभी एनएचएआइ के मुख्यालय भेजा गया है।
इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत दो रेल ओवरब्रिज का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा 13 एनिमल अंडरपास भी तैयार किए जाएंगे, जहां से वन्य प्राणियों का आवागमन हो सकेगा और उन्हें वाहनों से कोई नुकसान नहीं होगा। इसके अलावा 13 स्थानों पर व्हीकल अंडरपास तैयार किए जाएंगे, जिस पर वन्य प्राणी प्रवेश नहीं कर सकेंगे। वहीं प्रोजेक्ट में 14 किमी की सर्विस रोड भी तैयार की जाएगी।
इस पूरे प्रोजेक्ट में 12.55 किमी की लंबाई में ग्रीनफील्ड अलाइनमेंट का ध्यान रखा गया है। प्रोजेक्ट में 16 किमी लंबाई में विभिन्न गांवों का हिस्सा पड़ेगा, लेकिन अंत के 12 किमी लंबाई का हिस्सा वन विभाग का होगा। ऐसे में दोनों तरफ वन्य क्षेत्र रहेगा और वाहन चालकों को प्राकृतिक व हरियाली का अहसास होगा। 16.250 किमी से लेकर 28.800 तक ग्रीनफील्ड के रूप में ही विकसित किया जाएगा।
वेस्टर्न बायपास में भूमि अधिग्रहण के लिए 3डी नोटिफिकेशन जारी होना है। इसका प्रस्ताव मुख्यालय गया है। जल्द ही नोटिफिकेशन जारी होने की संभावना है। संभावित है कि टेंडर की तारीख बढ़ा दी जाए।
प्रशांत मीना, मैनेजर, एनएचएआइ