ग्वालियर.नईदुनिया प्रतिनिधि। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सर्विसेज प्री-परीक्षा का आयोजन रविवार को जिले में 42 केंद्रों पर किया गया। दो पालियों में आयोजित की गई इस परीक्षा में कुल 26170 परीक्षार्थियों को शामिल होना था, लेकिन उनमें से सिर्फ 11640 परीक्षार्थियों ने ही परीक्षा दी। 14530 परीक्षार्थी गैरहाजिर रहे। परीक्षा से पहले कड़ी जांच के बाद परीक्षार्थियों को केंद्रों में प्रवेश दिया गया। यह परीक्षा प्रशासनिक अफसरों की कड़ी निगरानी के बीच आयोजित की गई।़इिस परीक्षा का आयोजन पहली पाली में सुबह 9:30 से 11:30 बजे तक और दूसरी पाली में दोपहर 2:30 से 4:30 बजे तक किया गया। लोक सेवा आयोग की शहर में आयोजित परीक्षा संपादित कराने के लिए एडीएम इच्छित गढ़पाले को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इसके अलावा डिप्टी कलेक्टर डा.संजीव खेमरिया को परीक्षा प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई। ये दोनों अफसर सुबह से ही शहर में बनाए गए परीक्षा केंद्रों पर निरीक्षण करते नजर आए। इन परीक्षा केंद्रों पर दोनों पालियों में कुल 42 इंस्पेक्शन अधिकारियों को ड्यूटी पर लगाया गया था। प्रत्येक पाली में 13085 परीक्षार्थियों को शामिल होना था। इसमें पहली पाली में 5866 परीक्षार्थी शामिल हुए, जबकि 7219 अनुपस्थित रहे। इसी प्रकार दूसरी पाली में 5774 परीक्षार्थी उपस्थित थे, जबकि 7311 गैरहाजिर रहे। परीक्षा केंद्रों पर पांच सैकड़ा पुलिस जवानों की तैनाती करने के साथ ही एक दर्जन अधिकारी उड़नदस्ते में शामिल किए गए। केंद्रों पर नजर रखने के लिए चार केंद्रीय पयर्वेक्षक दल भी मौजूद थे।
ग्वालियर। बिना निरीक्षण बीएड कालेजों को संबद्घता देने के मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा किए गए विरोध के बाद आइडियल बीएड कालेज, रामराजा बीएड कालेज, कराहल बीएड कालेज व राधाकृष्ण बीएड कालेज की निरीक्षण रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। बीएड कालेजों की संबद्घता के मामले में चल रहे फर्जीवाड़े के चलते अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जीवाजी विश्वविद्यालय में आंदोलन किया था। इस आंदोलन के बाद जिला प्रशासन, राजस्व व जीवाजी विश्वविद्यालय की संयुक्त टीमों ने कालेजों का निरीक्षण किया था। निरीक्षण की रिपोर्ट उच्च शिक्षा विभाग ने शासन को भेज दी है।
केवल तीन केंद्रों पर पहुंचे 50 फीसद से अधिक परीक्षार्थी
शहर के 42 शैक्षणिक संस्थाओं को परीक्षा केंद्र बनाया गया था। इनमें से महज 3 परीक्षा केंद्र ऐसे थे जहां पर 50 फीसद से अधिक परीक्षार्थी परीक्षा देने के लिए पहुंचे। अन्यथा सभी केंद्रों पर परीक्षार्थियों का प्रतिशत 40 से लेक 49 फीसद के बीच ही था। ऐसे में स्थिति काअंदाजा लगाया जा सकता है। बताया जाता है कि परीक्षा में शामिल न होने के पीछे कुछ परीक्षार्थियों की तैयारी न होनाथा। दूसरे गर्मी का प्रकोप व परीक्षा केंद्रों का दूर होना था। ऐसे में परीक्षार्थियों की संख्या कम रही। इससे प्रशासन को भी अधिक मशक्कत उठाने की जरूरत नहीं पड़ी।
परीक्षा केंद्रों पर हुई जांच: परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले सभी परीक्षार्थियों की जांच की गई और मोबाइल सहित अन्य प्रतिबंधित सामग्रियों को बाहर ही रखवा लिया गया। साथ ही कोविड गाइड लाइन का पालन कराया गया। परीक्षार्थी कम होने से पर्यवेक्षकों को भी कक्षाओं में अधिक जांच नहीं करनी पड़ी।