अजय रावत, ग्वालियर, Gwalior News। बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए भारत के संविधान की रचना की, लेकिन उनके कथित अनुयायी उनकी प्रतिमा लगाने के नाम पर भू-माफिया बन बैठे हैं। मध्य प्रदेश के मुरैना के जौरा में जबरन प्रतिमा लगाने के बाद शनिवार को श्योपुर में भी इसी तरह डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित कर दी गई। इस अनूठे षड्यंत्र से प्रशासन को बैकफुट पर जाने को मजबूर कर चुके दबंगों ने ग्वालियर- चंबल अंचल में आंबेडकर प्रतिमा को जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने का अस्त्र सा बना लिया है।
मुरैना स्थित जौरा में दबंगों द्वारा शासकीय जमीन पर कब्जा कर लगाई गई आंबेडकर प्रतिमा अभी प्रशासन हटा भी नहीं पाया था कि श्योपुर जिले के विजयपुर के मढ़ा गांव में शनिवार को इसी तरह कुछ लोगों ने जबरन उनकी प्रतिमा लगा दी। उन्हें रोकने पहुंचे एसडीएम विनोद सिंह की गाड़ी पर पथराव कर बंधक बना लिया। उन्हें प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद ही छोड़ा गया। अब प्रशासन शिकायतकर्ता न होने की बात कह कार्रवाई से बच रहा है। अंचल में बीते कुछ समय में समाज विशेष के लोगों की भावनाओं को भड़काकर लगातार हो रही ऐसी घटनाओं ने प्रशासन की सक्रियता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
यूं बुलंद हुए हौसले
मुरैना : जिले में चार स्थानों पर बिना अनुमति आंबेडकर प्रतिमा लगाकर करोड़ों की जमीन पर कब्जा किया जा चुका है। 22 दिसंबर 2020 को जौरा तहसील के चैना गांव में खेल मैदान की जमीन पर अतिक्रमण हटाने कोर्ट के आदेश पर पुलिस प्रशासन की टीम पहुंची थी। दबंगों ने न केवल टीम पर पथराव कर दिया था बल्कि प्रतिमा भी लगा दी। इसके बाद प्रशासन पीछे हट गया और जमीन अतिक्रमण मुक्त नहीं हो सकी।
शिवपुरी : पिछोर अनुविभाग के खोड़ स्थित बरेला चौराहे पर 27 सितंबर 2020 को रातोंरात आंबेडकर प्रतिमा लगा दी गई। इसके बाद कुछ लोगों ने इसे क्षतिग्रस्त किया तो माहौल गरमा गया और प्रशासन पीछे हट गया। दरअसल, दो सितंबर 2020 को पिछोर के बाचरौन चौराहे पर अवंतीबाई लोधी की प्रतिमा लगा दी गई थी। इसके जवाब में सरकारी जमीन पर बुद्ध प्रतिमा भी स्थापित कर दी गई।
भिंड : शहर से सटे ग्राम विरधनपुरा और लहार सहित कई जगह आंबेडकर प्रतिमा लगाकर जमीन पर कब्जा हो चुका है। प्रशासन फिलहाल चुप है।
प्रतिमा लगाने की निश्चित प्रक्रिया
किसी भी महापुरुष की प्रतिमा स्थापित करने के लिए निर्धारित शासकीय प्रक्रिया है। प्रतिमा लगाने के लिए संबंधित नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद से पहले अनुमति लेनी पड़ती है। उसके बाद एक समिति जगह का निर्धारण करती है। जगह विवादित न होने पर सर्वसम्मति से प्रतिमा लगाई जाती है।
मढ़ा गांव की घटना के बाद प्रशासन पूरी तरह से गंभीर है। एसडीएम और एसडीओपी से प्रतिवेदन मांगा है। विधिवत आदेश निकालेंगे कि बिना अनुमति किसी की भी प्रतिमा स्थापित नहीं कराई जाए। फिर भी कोई ऐसा करता है तो सख्त कार्रवाई करेंगे। राकेश कुमार श्रीवास्तव, कलेक्टर, श्योपुर
बाबा साहब या किसी की भी प्रतिमा सरकारी जमीन पर नहीं रखना चाहिए। विधिवत प्रशासन से अनुमति लेना चाहिए। हम भी समाज के लोगों को बताएंगे कि विधि विरुद्ध कोई भी काम न करें। काशीराम सेंगर, मुरैना-श्योपुर लोकसभा क्षेत्र प्रभारी, बसपा