Gwalior News: ग्वालियर-चंबल अंचल के औद्योगिक क्षेत्रों के लिए राहत भरी खबर, अगले छह माह में मिलने लगेगी सस्ती बिजली
अक्टूबर से पावर प्लांट में सोलर प्लेट के स्टोलेशन का काम शुरू कर दिया जाएगा। जिसमें करीब 3 से 5 माह का वक्त लगेगा। इसके बाद जनवरी-फरवरी में सौर ऊर्जा की मदद से बिजली का उत्पादन होगा जो एमपीईबी की मदद से उद्योगों तक पहुंचाई जाएगी। इससे उद्योगों का बिजली
By anil tomar
Edited By: anil tomar
Publish Date: Wed, 06 Sep 2023 01:42:58 PM (IST)
Updated Date: Wed, 06 Sep 2023 02:00:27 PM (IST)
ग्वालियर-चंबल अंचल के औद्योगिक क्षेत्रों के लिए बन रहा है सोलर पावर प्लांट। ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। ग्वालियर-चंबल अंचल के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित उद्योगो के लिए राहत की खबर है। क्योंकि इन उद्योगों को अगले छह माह में बिजली सस्ते दाम पर मिलेगी। वह इसलिए कि जल्द ही ग्वालियर से 20 किमी दूर बिलौआ में 11 करोड़ की लागत से सोलर पावर प्लांट स्थापित होने वाला है। जिसकी सभी तरह की परमिशन पूरी हो चुकी है।
अक्टूबर से पावर प्लांट में सोलर प्लेट के स्टोलेशन का काम शुरू कर दिया जाएगा। जिसमें करीब 3 से 5 माह का वक्त लगेगा। इसके बाद जनवरी-फरवरी में सौर ऊर्जा की मदद से बिजली का उत्पादन होगा जो एमपीईबी की मदद से उद्योगों तक पहुंचाई जाएगी। इससे उद्योगों का बिजली पर खर्चा कम होगा और पर्यावरण में कार्बन का उत्सर्जन घटेगा।
प्रदेश सरकार की मदद से यह प्लांट मार्तण्डक सोलर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा करीब 10 बीद्या जगह में किया जा रहा है। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने हाल ही में पांच सूत्रीय कार्यक्रम में 2070 तक कार्बन मुक्त की बात कही है और 2030 तक 50 फीसद बिजली से उत्पन्न होने वाले कार्बन को कम करने की बात की है। जिसको लेकर जल्द ही प्रदेश सरकार एक नियम लाने वाली है जिसमें सभी उद्योगों को 20 से 30 फीसद ग्रीन एनर्जी का उपयोग करना अनिवार्य होगा।
हर साल होगा 36 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन-
इंजीनियर राजन अग्रवाल का कहना है कि सोलर प्लांट में सोलर प्लेट 545वाट की लगाई जा रही है, इस तरह से 3600 प्लेट लगाई जाएंगी जिससे हर माह तकरीबन 2 मेद्यावाट बिजली का उत्पादन होगा। यदि इसका महीने का अंकलन यूनिट में लगाया जाए तो 2 से 3 लाख यूनिट का उत्पादन होगा और साल में करीब 30 से 36 लाख यूनिट बिजली तैयार होगी।
दस बीद्या जगह में 2 मेद्यावाट के करीब 30 प्रोजेक्टर लगाए जा रहे हैं। दो मेद्यावाट के एक प्रोजेक्टर से हर दिन 9 से 10 हजार यूनिट बिजली तैयार होगी। जिसे संरक्षित करने के लिए एक सब स्टेशन तैयार किया जा रहा है। जिसकी मदद से यह बिजली ऊर्जा विकास निगम के माध्यम से शहर व उसके आसपास लगे औद्योगिक क्षेत्र तक पहुंचाई जाएगी।
उद्योगों को मिलेगी डेढ़ से 2 रुपये सस्ती बिजली-
मार्तण्डक सोलर एनर्जी के संचालक का कहना है कि मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा तकरीबन 8 से सवा 8 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से उद्योगों को बिजली की सप्लाई दी जाती है। जबकि सोलर एनर्जी प्लांट की मदद से उद्योगों को करीब 6 से सवा 6 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। जिसमें 2 रुपये 80 या 90 पैसे का मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को परिवहन के रुप में दिए जाएंगे और 3 रुपये 20 से 30 पैसा मार्तण्डक सोलर एनर्जी को मिलेंगे।
इसके लिए कंपनी द्वारा अपना खुद का मीटर संबंधित उद्योग केन्द्र पर लगाया जाएगा। बिल खुद कंपनी बसूलेगी और परिवहन का पैसा बिजली विभाग को दिया जाएगा।
इनका कहना है-
प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए जो आवश्यक परमिशन थी जैसे नवीकरणीय ऊर्जा विकास में रजिस्ट्रेशन,वन विभाग से परमिशन और ग्रिड कनेक्टिविटी के लिए एमपीईबी से एनओसी मिल चुकी है।कुछ और काम बचा है जो इस महीने पूरा हो जाएगा जिसके बाद स्टोलेशन का काम शुरू हो जाएगा और जनवरी तक बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। । इससे कार्बन उत्सर्जन घटेगा,प्रर्यावरण स्वच्छ रहेगा। -इंजी,राजन अग्रवाल, संचालक मार्तण्डक सोलर एनर्जी प्रालि.