अजय उपाध्याय, नईदुनिया, ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल अंचल में 11 करोड़ की लागत से पहला सोलर पावर प्लांट बिलौआ में तैयार हो चुका है। यहां सौर ऊर्जा की मदद से 2 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। यह बिजली उद्योगों को सस्ते दाम पर 15 अगस्त से उपलब्ध कराने की तैयारी की गई है। इससे उद्योगों का बिजली पर खर्च कम होगा और पर्यावरण में कार्बन का उत्सर्जन घटेगा।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में पांच सूत्रीय कार्यक्रम में 2070 तक कार्बन मुक्त की बात कही है और 2030 तक 50 फीसद बिजली से उत्पन्न होने वाले कार्बन को कम करने की बात की है। इसको लेकर जल्द ही प्रदेश सरकार एक नियम लाने वाली है, जिसमें सभी उद्योगों को 20 से 30 फीसद ग्रीन एनर्जी का उपयोग करना अनिवार्य होगा।
हर महीने होगा 3 लाख यूनिट का उत्पादन- इंजीनियर राजन अग्रवाल का कहना है कि सोलर प्लांट से हर महीने 3 लाख यूनिट का उत्पादन होगा। 10 बीघा स्थान में 2 मेगावाट के करीब 30 प्रोजेक्टर लगाए जा रहे हैं। दो मेगावाट के एक प्रोजेक्टर से हर दिन 9 से 10 हजार यूनिट बिजली तैयार होगी।
जिसे संरक्षित करने के लिए एक सब स्टेशन तैयार किया जा रहा है। जिसकी मदद से यह बिजली ऊर्जा विकास निगम के माध्यम से शहर व उसके आसपास लगे औद्योगिक क्षेत्र तक पहुंचाई जाएगी। छह रुपये प्रति यूनिट दी जाएगी बिजली मार्तण्डक सोलर एनर्जी के संचालक का कहना है कि मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा तकरीबन 8 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से उद्योगों को बिजली की सप्लाई दी जाती है।
जबकि सोलर एनर्जी प्लांट की मदद से उद्योगों को करीब 6 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें 2 रुपये 80 पैसे का मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को परिवहन के रूप में दिए जाएंगे और 3 रुपये 20 पैसा मार्तण्डक सोलर एनर्जी को मिलेंगे। इसके लिए कंपनी द्वारा अपना खुद का मीटर संबंधित उद्योग केंद्र पर लगाया जाएगा। बिल खुद कंपनी वसूलेगी और परिवहन का पैसा बिजली विभाग को दिया जाएगा।