Skin tight clothes: ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। स्कीन टाइट कपड़े पहनना खतरनाक हो सकता है। क्योंकि यह शरीर में दर्द बढ़ा देते हैं जिसके लिए आप दवाओं का सेवन करते हैैं। जबिकि हर दर्द के लिए दवा जरुरी नहीं है। यह कहना था फिजियोथैरेपिस्ट डा वैभव चौबे का। कभी-कभी मांसपेशियों में ऐंठन, खिंचाव, गलत मुद्रा में बैठने या सोने के कारण आई शारीरिक विकृति को दूर करने में भी फिजियोथैरेपी की मदद ली जाती है।
फिजियोथैरेपी न केवल दर्द से राहत दिलाती है बल्कि बेहतर संतुलन और गतिशीलता, सर्जरी से बचाव या उबरने में, आयु संबंधी समस्याओं में, दर्द निवारक दवाइयों पर निर्भरता कम करने में भी काम आती है। कई बार हम अपने मन से फिजियोथैरेपी लेने लगते हैं जबकि इसे सिर्फ विशेषज्ञ की निगरानी और निर्देशन में ही लिया जाना चाहिए। फिजियोथैरेपी सिर्फ दर्द की दवा नहीं, जीवनशैली बेहतर करने का माध्यम भी है। व्यायाम और मालिश के संयोजन से मरीज की गतिशीलता और उसके शारीरिक स्वास्थ्य को बहाल करने और इसे बनाए रखने के लिए यह एक उपचार है। जिम में पसीना बहने से पहले आपको यह पता होना भी जरुरी है कि यह आपके लिए कितना उपयोगी है।
कहीं ऐसा न हो कि सुडौल शरीर बनाने के फेर में खतरा मोल तो नहीं लिया जा रहा है। इसके लिए जरुरी है कि फिजियोथैरेपिस्ट की सलाह ली जाए। यह किसी बड़ी चोट या सर्जरी से उबरने में फिजियोथैरेपी बहुत मददगार सिद्ध होती है। बगैर विशेषज्ञ के फिजियोथैरेपी लेना आपकी दिक्कत को कम करने के बजाय बढ़ा भी सकता है। फिजियोथैरेपी को लेकर कई सवाल हमारे दिमाग में होते हैं लेकिन हमें इन सवालों का समाधान नहीं मिलता। अगर आप भी फिजियोथैरेपी ले रहे हैं या लेने वाले हैं या आपके मन में फिजियोथैरेपी को लेकर कोई सवाल या संशय है तो आपको डाक्टर से परामर्श लेना चाहिए। क्योंकि फिजियोथैरपिस्ट डा वैभव चौबे का कहना है कि बिना सलाह के जिम में पसीना बहाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। जिन लोगों को यह नहीं पता कि उनके शरीर की क्या क्षमता है और वह जिम में पसीना बहाते है तो उन्हें ह्दयघात की आशंका है। इसलिए वे लोग सावधान रहे जिन्हें जिम में पसीना बहाना अच्छा लगता है।