नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। ग्वालियर में जसवंत के जेल से पैरोल पर बाहर आते ही उसकी जिंदगी की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी। इस मौके के इंतजार में लंबे समय से सतपाल बैठा था। सतपाल कनाडा के ओंटेरिओ शहर में रहता है।
ग्वालियर से 50 बीघा जमीन बेचकर पिता रजविंदर, मां बलविंदर व परिवार के साथ कनाडा शिफ्ट हो गया। वहां म्यूजिक कंपनी शुरू कर दी। पंजाब का गायक जो कनाडा में प्रस्तुतियां देता है, वह उसका साझेदार भी बताया जाता है।
सतपाल ने कनाडा में बैठकर शूटआउट का ताना-बाना बुना। आशंका है- इसमें उसकी मदद खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप उर्फ अर्श दल्ला ने की, क्योंकि भारत आने के बाद वह पंजाब में उसी के शूटर नवजोत और अनमोलप्रीत से मिला। फिर ग्वालियर आ गया। ग्वालियर में शूटरों के रुकने का इंतजाम टेकनपुर स्थित होटल कृष्णा में कराया।
नए कपड़े खरीदे गए, इसके बाद शूटर जसवंत की हत्या करने सात नवंबर की शाम पहुंच गए। सात नवंबर को ही यह ग्वालियर आए थे। हत्या करने के बाद सीधे पंजाब के लिए सतपाल के साथ कार से रवाना हो गए, लौटकर होटल नहीं गए। सतपाल का ड्राइवर कार चला रहा था। सतपाल शूटरों को पंजाब तक ले गया। अभी वह पंजाब में है या फिर कनाडा लौट गया, इसे लेकर पुलिस गफलत में है।
अर्शदीप कनाडा में रह रहा है। सतपाल भी परिवार के साथ कनाडा में है और वहां म्यूजिक कंपनी चलाता है। काफी पैसा है। अब इन दोनों के बीच का कनेक्शन पुलिस खंगाल रही है। अर्शदीप के शूटरों से सीधे सतपाल का संपर्क है या फिर अर्शदीप के इशारे पर ही सतपाल के भाई की हत्या का बदला लिया गया, इसे लेकर पुलिस पड़ताल में जुटी है।
मस्तूरा गांव का रहने वाला हरजीत उर्फ जीता ने सतपाल के साथ मिलकर पूरी फील्डिंग जमाई। सतपाल उससे कनाडा से संपर्क में था। जीता ने जसवंत के घर के बाहर की वीडियो बनाई, इसमें वह नजर आया। जीता पहले दिन से ही घर से गायब मिला, जो प्रमुख संदेही था। जब उसके बैंक खाते खंगाले तो सतपाल के खाते से उसके खाते में 2.50 लाख रुपये आए।
27 अक्टूबर को 1.50 लाख रुपये और इसके बाद एक लाख रुपये आए। जीता ने ही होटल में रुकने का इंतजाम कराया। यहां लोकल पूरा सपोर्ट जीता ने मुहैया कराया। हत्या के बाद सतपाल शूटरों को लेकर कार से पंजाब निकल गया। जीता के शिवपुरी में होने की खबर मिली है। क्राइम ब्रांच की टीम उसकी तलाश में जुटी है।
दोनों शूटरों ने होटल कृष्णा में रुकने के लिए फर्जी आधार कार्ड लगाया। फोटो तो इन्हीं के थे, लेकिन नाम गलत। नवजोत की फोटो लगे आधार कार्ड में उसका नाम हरजीत लिखा था। होटल के रजिस्टर में यहां आने की वजह के बारे में लिखा है कि बीएसएफ की भर्ती में शामिल होने टेकनपुर आए हैं। पुलिस जब यहां पहुंची तो जिस होटल के कमरे में रुके थे, उस कमरे की तलाशी में एक बैग मिला। इस बैग में खून से सने कपड़े मिले हैं। इसके अलावा और भी सामान मिला है। इसे पुलिस ने जब्त कर लिया है।
यह टारगेट किलिंग है, यह तो स्पष्ट हो चुका है। इसमें एक और कहानी सामने आई है, इसके मुताबिक करीब एक करोड़ रुपये में सुपारी दिए जाने की खबर है। इस तथ्य की तस्दीक पुलिस कर रही है।
शूटर नवजोत ने ही तीन गोलियां जसवंत को मारी थी। बाइक अनमोलप्रीत चला रहा था। रुपयो की डील बलवीर से हुई थी। बलवीर को पंजाब पुलिस ने पकड़ा है। बलवीर ने पंजाब में हुई हत्या में सीधे अर्शदीप से धन लिया था।
जसवंत हत्याकांड में शामिल दो शूटरों को पूछताछ के लिए लाया जाएगा। यह हत्या कराने वाले से लेकर शूटर और सरगना के मददगारों की तलाश में टीमें लगी हैं। सतपाल और अर्शदीप के बीच कनेक्शन को लेकर भी पड़ताल कराई जा रही है।
अरविंद सक्सेना, आईजी, ग्वालियर रेंज।