
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर: कार्यकाल खत्म होने के नजदीक स्मार्ट सिटी बड़े प्रोजेक्टों को लेकर तो बैठी है लेकिन वे जल्द पूरे नहीं होने वाले हैं। ग्वालियर स्मार्ट सिटी के 70 प्रोजेक्टों में 16 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनमें आधा बजट है। भोपाल सहित अन्य शहरों की स्मार्ट सिटी कंपनी ने ज्यादा बड़े प्रोजेक्ट नहीं लिए जिससे वह जल्द पूरे भी हो गए। ग्वालियर में ऐसा हुआ कि बिना भविष्य की प्लानिंग कर बड़े प्रोजेक्ट ले लिए और अब वह लटकने की स्थिति में आ रहे हैं। इसी कारण अब ग्वालियर से भोपाल प्रस्ताव भेजकर एक्सटेंशन मांगा जाएगा, यह एक्सटेंशन प्रदेश के ऐसे सभी शहरों को मिल सकता है जो सिटी चैलेंज 2.0 से बाहर हो गए थे। हाल में कलेक्टर ने जो स्मार्ट सिटी की बैठक ली थी उसमें एक-एक प्रोजेक्ट की कलई खुल गई थी।
बता दें कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सिटीज 2.0 चैलेंज अभियान में ग्वालियर की दावेदारी खत्म हो गई थी। पहले चरण में ग्वालियर स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन और नगर निगम ने 36 शहरों में जगह बना ली थी। इसके बाद अंतिम 18 शहरों का चयन किया जाना था। इसके लिए निगमायुक्त हर्ष सिंह और स्मार्ट सिटी सीइओ नीतू माथुर ने गत सात फरवरी को दिल्ली में प्रेजेंटेशन भी दिया था, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। ऐसे में अब जहां शहर के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 135 करोड़ रुपये नहीं मिलेंगे, तो वहीं स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन का वर्ष 2027 तक कार्यकाल बढ़ने की संभावनाएं भी समाप्त हो गईं थीं। अब प्रस्ताव भेजकर एक्सटेंशन प्रोजेक्टों का हवाला देकर मांगा जाएगा। सिटीज 2.0 चैलेंज अभियान के अंतर्गत पर्यावरण व स्वच्छता के क्षेत्र में काम करने के लिए शहरों को 135-135 करोड़ रुपये दिए जाने हैं। इसके लिए देश के 100 स्मार्ट शहरों से दावेदारी मांगी गई थी। इनमें से 84 शहरों ने ही इस चैलेंज में हिस्सा लिया था। इसमें ग्वालियर सहित मध्यप्रदेश के सात स्मार्ट सिटी शामिल थे। पहले चरण में 36 शहरों का चयन किया गया था, जिनमें सातों स्मार्ट सिटी शामिल हो गई थीं। इसके बाद गत सात फरवरी को दिल्ली में अधिकारियों ने 140 करोड़ रुपये की लागत से शहर में कचरा प्रबंधन की व्यवस्था और सौर ऊर्जा के उपयोग के लिए विभिन्न संसाधन जुटाने संबंधी प्रेजेंटेशन दिया था। इसमें जबलपुर-उज्जैन ही शामिल हो सके।
स्मार्ट सिटी ने बड़े प्रोजेक्ट ले लिए लेकिन उनकी निगरानी नहीं की जा सकी। बड़े प्रोजेक्टों को लेकर ठेकेदारों ने लापरवाही की तो इसी लापरवाही को किसी ने नहीं देखा। कलेक्टर की समीक्षा में सामने आया कि वर्षा आने वाली है और बड़े प्रोजेक्ट अब पूरी तरह होल्ड हो जाएंगे। अब मुख्य सचिव प्रदेश के स्मार्ट सिटी की समीक्षा करेंगी जिसमें ग्वालियर को विस्तार मिल सकता है।
ग्वालियर स्मार्ट सिटी का कार्यकाल जून में खत्म हो रहा है, कई बड़े प्रोजेक्ट शेष हैं, जिन्हें पूरा होने में समय लगेगा। समय से निगरानी नहीं हुई। अब विस्तार को लेकर जल्द प्रयास किए जा रहे हैं।
रुचिका चौहान, कलेक्टर