Gwalior Airport New Terminal: ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। सुविधाएं ही शहर के विकास की नींव होती हैं। यही सबसे मजबूत नींव होगी ग्वालियर का नया एयर टर्मिनल। 500 करोड़ की लागत से तैयार होने वाले नए एयर टर्मिनल की आधारशिला रखे जाने के बाद यह सबसे रिकार्ड टाइम में तैयार होने वाला प्रदेश का सबसे बड़ा टर्मिनल होगा। मौजूदा एयरपोर्ट से छह गुना बड़ा एयरपोर्ट 20 हजार वर्ग मीटर में तैयार किया जा रहा है। देश-प्रदेश के प्रमुख शहरों से रेल व सड़क मार्ग से जुड़ा ग्वालियर हवाई सेवा में और अधिक मजबूत होने जा रहा है। हवाई सेवाओं की रफ्तार बढ़ाने वाले इस प्रोजेक्ट के कारण उद्योग-रोजगार के नए आयाम भी बनेंगें। नए एयर टर्मिनल को लेकर शहर के कारोबारी-प्रबुद्वजनों का यही कहना है कि नया टर्मिनल प्रगति की नई संभावनाओं की राह खोलेगा।
ग्वालियर के लिए क्यों अहम नया टर्मिनल
दिल्ली-भोपाल जैसे बड़े शहरों के बीच बेहतर एप्रोच रखने वाले ग्वालियर शहर में हवाई सेवाओं के विस्तार का सिलसिला पिछले कुछ समय से ही शुरू हुआ है। मौजूदा स्थिति में 150 यात्रियों की क्षमता ही मौजूदा एयरपोर्ट पर है,इसके साथ ही कार्गाे हब,हैंगर अभी तक नहीं है, विमानों के खड़े होने के लिए जगह कम है। अब 20 हजार वर्ग मीटर में नया एयर टर्मिनल तैयार होने के बाद विमानों की क्षमता के साथ परिवहन विमानों की सुविधा होगी। पार्किंग एरिया सहित अधिकारी व कर्मचारियों के लिए आवासीय परिसर भी बनाया जा रहा है। ग्वालियर पहले से ही बेंगलुरू,इंदौर, दिल्ली,भोपाल सहित कई राज्यों के शहरों से कनेक्ट है,अब नया टर्मिनल बनने के बाद विमानों का आवागमन भी बढेगा। इसके साथ ही बड़ी आइटी कंपनियों से लेकर औद्योगिक कारोबार के प्रतिनिधि ग्वालियर की ओर रूख कर सकेंगें। वहीं ग्वालियर के कारोबारी व्यापारियों के लिए दूसरे राज्यों के शहरों में जाना और सुलभ होगा। वहीं ग्वालियर के एतिहासिक वैभव को देखने पर्यटकों का आवागमन भी बढ़ेगा।
शिक्षा आधारित पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
ग्वालियर हवाई अड्डा मध्य प्रदेश राज्य के पांच हवाई अड्डों में से एक है जो शहर के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है। हवाई अड्डे के नए टर्मिनल के विकास से शिक्षा आधारित पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे क्योंकि स्थानीय जनसंख्या का बड़ा भाग अपनी आजीविका के लिए पर्यटन पर निर्भर है। शहर में इसकी पर्याप्त संभावनाएं हैं।
अभी क्या स्थिति
मौजूदा एयरपोर्ट का सिविल इंक्लेव 30 एकड़ भूमि पर सीमित आधारभूत अवसरंचना के साथ काम कर रहा है। 3500 वर्ग मीटर का वर्तमान टर्मिनल भवन व्यस्ततम समय में 150 से 200 यात्रियों को संभाल सकता है। रनवे ए-320 प्रकार के विमानों के संचालन के लिए उपयुक्त है और एप्रन एक ए-320 और दो क्यू-400 व एटीआर-72 प्रकार के विमानों को समायोजित कर सकता है।
नया टर्मिनल
नया टर्मिनल भवन 20,000 वर्गमीटर के क्षेत्र में विकसित किया जाएगा जो वर्तमान क्षेत्र का छह गुना है। चार यात्री बोर्डिंग ब्रिजों से सुसज्जित, नया टर्मिनल व्यस्ततम समय के दौरान 1400 यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा। एप्रन में नौ ए-320 और चार एटीआर-72 प्रकार के विमान पार्क करने की क्षमता होगी। इसके अलावा क्षेत्रीय उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कार्गो टर्मिनल भी स्थापित किया जाएगा।
कारोबारी-उद्यमी बोले-यह बड़ी सौगात,ग्वालियर को लाभ मिलेगा
यह बहुत बड़ी सौगात है, हमें पूरी उम्मीद है कि वायुयान सुविधा बढेंगी, ग्वालियर के आसपास के तीन सौ किमी की परिधि है,इसके लोग इसका लाभ लेंगें। पर्यटन व रोजगार के लिए भी यह बड़ी सौगात साबित होगा। दूर-दराज के शहरों से भी आसानी से ग्वालियर जुड़ेगा।
रवि गुप्ता, अध्यक्ष, कंफेडरेशन अाफ आल इंडिया ट्रेडर्स
नए टर्मिनल से केवल हवाई सेवा बढेगी ऐसा नहीं है। इसके साथ जो बड़े उद्योग घराने ग्वालियर नहीं आ पाते हैं, उनका आना जाना शुरू होगा। जितनी कंपनियों के सीएंडएफ स्टोर इंदौर में है, वे ग्वालियर आना चाहते हैं। दिल्ली में ट्रैफिक व पाल्यूशन के कारण वहां नहीं जाना चाहते हैं। यह ग्वालियर का चहुंमुखी विकास करेगा।
प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी सचिव, चैंबर आफ कामर्स
ग्वालियर में बड़ी क्षमताएं हैं, यह आइटी हब भी बन सकता है, लेकिन अच्छी कनेक्टिविटी पहले चाहिए। विमान से केवल यात्री नहीं बल्कि निवेश भी आता है। नए टर्मिनल से बदलाव आएगा, पर्यटन की यहां काफी क्षमताएं हैं, उद्योग की क्षमताएं है, हम खजाना लेकर बैठे हैं। यह ग्वालियर को 20 साल आगे ले जाएगा।
आशीष वैश्य, चेयरमेन,भारतीय उद्योग संघ
यह निश्चित ही ग्वालियर के लिए बड़ी सौगात है, ट्रेड, इंडस्ट्री इससे आगे बढ़ेगी। बाहर के बड़े उद्योगपति जो ग्वालियर में उद्योग नहीं लगा पा रहे थे क्योंकि एयर कनेक्टिविटी मजबूत नहीं थी, लेकिन अब इससे अवसर बढेंगें। पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
यश गोयल, व्यापारी