नईदुनिया प्रतिनिधि,ग्वालियर। एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के मामले में नाबालिग को वीडियो कांफ्रेंसिंग से हाई कोर्ट की युगलपीठ के समक्ष पेश किया गया। हाईकोर्ट ने नाबालिग से संवाद करते हुए उसकी स्थिति जानी, तो जवाब देते हुए नाबालिग भावुक हो उठी। युगलपीठ के जस्टिस पाठक ने कारण पूछा तो नाबालिग ने बताया कि उसके पिता की हालत खराब है। उसे पिता के उपचार के लिए आर्थिक सहायता की आवश्यकता है।
नाबालिग की बात सुनकर जस्टिस पाठक ने खुद आगे आकर उसकी मदद करने की बात कही। उनके साथ ही जस्टिस राजेंद्र कुमार वानी ने भी उपचार में मदद देने का फैसला किया। जस्टिस पाठक ने अतिरिक्त महाधिवक्ता दीपेंद्र कुशवाह सहित एक अन्य एएजी से भी नाबालिग की मदद करने की बात कही।
दरअसल, इस नाबालिग के पिता ने इसे खोजने के लिए बीते दिनों बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई थी। जिसमें याचिकाकर्ता को नाबालिग बेटी की कस्टडी दिए जाने के बाद उसकी स्थिति जानने के लिए हाई कोर्ट ने बुधवार को नाबालिग से बात की थी।
यह याचिका आगरा के रहने वाले एक व्यक्ति ने दायर की थी। जिसमें सुनवाई के दौरान उस व्यक्ति ने बताया कि वह एक रिक्शा चालक है, उसकी पत्नी का निधन हो चुका है। वह अपनी बेटी के साथ रहता है। कमाने की जिम्मेदारी उसी के ऊपर है और अर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहती है। ऐसे में उसका एक रिश्तेदार उसकी बेटी को काम दिलवाने के बहाने ग्वालियर ले आया था। यहां लाकर वह उस नाबालिग को गलत काम में धकेलना चाहता था। याचिकाकर्ता की शिकायत पर पुलिस ने नाबालिग को दस्तयाब कर कोर्ट में पेश किया फिर वहां से उसे वन स्टाप सेंटर भेज दिया गया।
वार्ड चार में मंगलवार की शाम को जितेंद्र की तबीयत खराब हो गई जिसे परिजन लेकर भितरवार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, युवक को ग्वालियर रेफर कर दिया जिसकी मंगलवार की रात में इलाज के दौरान मौत हो गई।
ग्वालियर जिले के सुपावली वृत में पदस्थ नायब तहसीलदार सैयद बरकत हैदर का हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया। वे शहर से बाहर गये हुए थे जहां उन्हें अटैक आ गया। सैयद प्रदेश के दिवंगत एडीजी एस एम अफजल के बेटे थे। कुछ समय पहले ही आईपीइस अफजल का निधन हुआ था। नायब तहसीलदार सैयद के निधन पर पूरे प्रशासनिक महकमे में शोक व्याप्त है।