ग्वालियर.नईदुनिया प्रतिनिधि। बीती रात मुरार निवासी सोलह वर्षीय नाबालिग पिता के डांटने पर नाराज होकर घर से भागकर स्टेशन जा पहुंचा। रात डेढ़ स्टेशन पर आगरा एण्ड के पास रेल ब्रिज के पास गुमसुम बैठे बालक पर जैसे ही गश्त कर रहे आरपीएफ स्क्वाड की नजर जा पड़ी। पूछताछ में नाबालिग ने घर से भागना बताया।
आरपीएफ से मिली जानकारी के अनुसार बीती रात उप निरीक्षक अंकित कुमार प्लेटफार्म एक से गश्त करते हुए आगरा एण्ड के पास पहुंचे तो रेल ओवर ब्रिज के पास गुमसुम बालक पर नजर जा ठहरी। पुलिस को देख नाबालिग सकपका गया। मौके पर मौजूद महिला आरक्षी पारुल यादव को पूछताछ करने पर नाबालिग ने घर से भागना बताया। तत्काल बालक के पिता का मोबाइल नंबर लेकर परिजनों को सूचना देने के साथ ही मिले बालक को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया।
दोस्त के लिए रोकी इंदौर इंटरसिटी
बीती रात ग्वालियर रेलवे स्टेशन से ग्वालियर से इंदौर के लिए रफ्तार पकड़ चुकी इंटरसिटी एक्सप्रेस को कोच में सवार यात्री का दोस्त नहीं पहुचां तो उसने चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोक दिया। मौके पर मौजूद आरपीएफ स्क्वाड ने आरोपी रेल यात्री को रेलवे एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया आरपीएफ से मिली जानकारी के अनुसार उज्जैन निवासी जितेन्द्र पुत्र अर्जुन सिंह उम्र 19 साल भिण्ड-रतलाम इंदौर इंटरसिटी एक्सप्रेस के स्लीपर कोच एस-4 में सवार हुआ था। जितेंन्द्र के साथ उसके दोस्त को भी उज्जैन जाना था। लेकिन जब दोस्त प्लेटफार्म पर पहुंचा तो ट्रेन अपने निर्धारित समय से शिवपुरी के लिए रफ्तार पकड़ चुकी थी। ट्रेन को चलता देख जितेन्द्र ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोक दी। मौके पर मौजूद आरपीएफ स्क्वाड ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। चेन पुलिंग के कारण इंटरसिटी एक्सप्रेस पांच मिनट की देरी से रवाना हो सकी।
अब मंगला में एलएचबी कोच
ग्वालियर स्टेशन से गुजरने वाली मंगला एक्सप्रेस जल्द ही एलएचबी कोच से रेल ट्रैक पर दौड़ेगी। एलएचबी रैक लगने से इस मंगला एक्सप्रेस से सफर जर्करहित व आरामदायक हो जाएगा। मंगला एक्सप्रेस आज से प्रत्येक बुधवार, 16 दिसंबर से प्रत्येक गुरुवार और 21 दिसंबर से प्रत्येक मंगलवार एलएचबी कोच से चलेगी। एलएचबी कोच सामान्य कोचों की तुलना में अधिक सुविधाजनक होने के साथ तेज गति से रेल ट्रैक पर दौड़ने में सक्षम होते है। और दुर्घटना की स्थिति में एक दूसरे पर नहीं चढ़ने से यात्रियों को काम नुकसान पहुंचने के साथ ही एलएचबी कोच आसानी से पटरी नहीं छोड़ते हैं। क्योंकि इनमें नियंत्रण सिस्टम लगा रहता है।