नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। शहर के रहने वाले वकील को डिजिटल अरेस्ट कर 16 लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है। ठगों ने मुंबई क्राइम ब्रांच और सीबीआइ अफसर बनकर वकील को फोन किया। पहले धमकी दी कि उनके नाम पर बुक हुए पार्सल में एमडीएमए ड्रग्स पकड़ा गया है।
उसके बाद मनी लांड्रिंग केस में एफआइआर दर्ज कर जेल भेजने की धमकी देकर 16 लाख रुपये एक खाते में ट्रांसफर करा लिए। इस मामले में वकील ने अब साइबर क्राइम विंग में एफआइआर दर्ज कराई है।
तानसेन नगर निवासी 48 वर्षीय जगमोहन पुत्र ओमप्रकाश श्रीवास्तव पेशे से वकील हैं। उनके पास आठ अक्टूबर को अनजान नंबर से कॉल आया। उस समय वह घर पर अकेले थे। कॉल करने वाले ने अपना नाम राहुल शर्मा बताया।
उसने कहा कि उनके आधार कार्ड के जरिए मुंबई से बीजिंग का पार्सल बुक हुआ है। कस्टम क्लियरेंस में यह पार्सल पकड़ा गया है। इसमें ड्रग्स रखा हुआ था। यह सुनकर जगमोहन के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। वह घबरा गए और कहा कि उन्होंने कोई पार्सल बुक नहीं किया।
इस पर अचानक फोन करने वालों ने बातों में उलझाने के लिए उनका कॉल दूसरे नंबर पर ट्रांसफर किया। कॉल ट्रांसफर करते समय कहा कि उसका नंबर मुंबई क्राइम ब्रांच को भेजा गया है। मुंबई क्राइम ब्रांच ही इस केस के सिलसिले में बात करेगी।
मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बना ठग बोला कि उनका नाम मनी लांड्रिंग केस में आया है। इस केस में अब तक 47 लोग जेल जा चुके हैं। उनके नाम से भी वारंट है। उसके बाद अचानक दूसरे नंबर पर कॉल ट्रांसफर कर दिया। सीबीआइ अधिकारी बनकर बात शुरू कर दी।
सीबीआइ अफसर बनकर बात कर रहे ठग ने उनसे कहा कि अगर बचना है तो 16 लाख रुपये खाते में ट्रांसफर करने होंगे। जगमोहन बुरी तरह घबरा गए। उन्होंने खाते में 16 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। उसके बाद और पैसों की मांग की गई। उन्हें कुछ अहसास हुआ, तो इसकी शिकायत पुलिस से की।
आरोपितों ने जगमोहन से कहा कि अगर सेटलमेंट नहीं किया तो सीधे जेल जाओगे। यह भी कहा कि इसमें और भी कई बड़े लोग शामिल हैं। इसमें नेता, अधिकारी सारे लोग शामिल हैं। किसी से कुछ चर्चा भी की तो एफआइआर दर्ज कर दी जाएगी और जेल भेज दिया जाएगा।