Janmashtami 2023: श्रीकृष्ण हैं जीवन प्रबंधन के गुरु, युवाओं ने अपनाए उनके यह गुण
क्या आपको पता है कि विश्व में सबसे बेहतरीन प्रबंधन भगवान श्रीकृष्ण का होता था। उन्होंने पूरी महाभारत को एक कुशल प्रबंधन की तरह संभाला। ऐसे ही न जाने कितने ही गुण हैं भगवान श्रीकृष्ण में, जिनका अनुसरण हमारे शहर के युवा कर रहे हैं। बस इसी बात को लेकर...
By anil tomar
Edited By: anil tomar
Publish Date: Wed, 06 Sep 2023 01:14:36 PM (IST)
Updated Date: Wed, 06 Sep 2023 01:14:36 PM (IST)
विश्व में सबसे बेहतरीन प्रबंधन भगवान श्रीकृष्ण का होता था। ग्वालियर। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की.....। घर-घर में आज यही गूंज होगी। आखिर आज कृष्ण जन्माष्टमी जो है। यानि सबके चहेते भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन। आपको भगवान श्रीकृष्ण का नाम सुनकर उनकी बाल लीलाएं ध्यान आती होंगी। याद आता होगा कि कैसे वह माखन मिश्री चुराते थे- रास रचाते थे, लेकिन क्या आपको पता है कि विश्व में सबसे बेहतरीन प्रबंधन भगवान श्रीकृष्ण का होता था। उन्होंने पूरी महाभारत को एक कुशल प्रबंधन की तरह संभाला। ऐसे ही न जाने कितने ही गुण हैं भगवान श्रीकृष्ण में, जिनका अनुसरण हमारे शहर के युवा कर रहे हैं। बस इसी बात को लेकर जब नईदुनिया ने युवाओं से बात की तो उन्होंने बड़े रोचक जवाब दिए। आइए आप भी जानिए शहर के युवाओं के जीवन में क्या है भगवान श्रीकृष्ण का महत्व....।
मर्यादा में रखना सिखाते हैं कान्हा
भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। वो हमें सिखाते हैं कि जीवन में किस तहर मर्यादा में रहना है, लेकिन जहां बात भगवान श्री कृष्ण की होती है, तो उन्होंने सिखाया कि किसी को मर्यादा में कैसे रखना है। कान्हा जी का यह गुण मैंने अपने जीवन में उतारा है।
-आस्था तोमर, छात्रा
सारथी बनें तो कृष्ण सा
जैसा माहौल आज के जीवन में है, उसमें किसी पर भरोसा करना मानो सबसे बड़ी गलती है। लेकिन मैं कोशिश करता हूं कि मुझसे कोई जुड़े या मुझपर कोई विश्वास करे तो मैं उसका साथ हर संभव स्थिति में निभा सकूं। ठीक वैसे ही जैसे श्रीकृष्ण, अर्जुन के सारथी बने और महाभारत जैसे भीषण रण में विजय दिलाई।
-अभिषेक अग्रवाल, व्यापारी
नि:स्वार्थ प्रेम का प्रतीक हैं कृष्ण
प्रेम और स्नेह की बात करो तो वर्तमान समय में बड़ी स्थिति खराब है। प्रेम की भाषा और मायने बदले बदले से हैं। स्नेह चाहे किसी से भी हो या किसी भी रूप में हो उसे निभाना श्रीकृष्ण की तरह ही चाहिए। मैंने अपने जीवन में अपनों को प्रेम और सम्मान देने का गुण श्रीकृष्ण से सीखा है।
-श्रद्घा खरे, महिला उद्यमी
तनाव में भी सूजबूझ से काम लिया
किसके जीवन मे तनाव नहीं है, जिसे देखो वो चिंता में फंसा हुआ है। ऐसे में होता यह है कि लोग गलत निर्णय कर अपना भारी नुकसान करवा लेते हैं। श्रीकृष्ण भी महाभारत के युद्ध में थे, वहां भी माहौल तनाव भरा था। इसके बावजूद उन्होंने बड़ी सूजबूझ से निर्णय लिए और अर्जुन को मार्गदर्शित किया। उनका यह गुण सीखने लायक है।
-डॉ. एनएच शर्मा, जयारोग्य अस्पताल